धारणाओ से ग्रसित लोग
एक गाँव मे एक बैध रहते थे, उस गांव के लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर उनके ही पास आते थे.. क्योंकि शहर दूर था और सबके पास इतने पैसे नही होते थे कि वो शहर इलाज के लिए जा सके.. बहरहाल.. जो भी मरीज आता पहले वो उसका चेहरा पढते फिर कहते बैठ जाईए... भोले भाले गाँव वाले बैध द्वारा अपने लिए सम्मान जनक संबोधन सुनकर उनका कायल हो जाते थे!
फिर बैध जी उस मरीज की कलाई बडे प्यार से पकडके बोलना शुरू करते... नही, पहले मै बैध जी के कमरे का चित्रण आपको कह दूँ...
कमरे के...
फिर बैध जी उस मरीज की कलाई बडे प्यार से पकडके बोलना शुरू करते... नही, पहले मै बैध जी के कमरे का चित्रण आपको कह दूँ...
कमरे के...