...

2 views

फोटोकॉपी
एक गवाएं और सौ पायें।

सामान्य जीवन मे हम अपनी प्रिय वस्तु को खोना नही चाहते, और बहुत जतन से उसकी देखभाल करते है उसका ख्याल रखते है अगर वह किसी दुसरे के हाथ लग जाये तो हम बैचैन हो जाते हैं औऱ उसे पुनः पाने को मचल जाते है। चाहे कुछ भी हो जाये कितना भी विरोध हो हम अपनी प्रिय वस्तु को हासिल करने हेतु संघर्ष करते है। उसे हासिल करने हेतु समस्त कष्टों को भी झेल जाते है पर उसे अपने हाथ से नही जाने देते। पर कभी कभी कुछ ऐसे हालात, आदर,सम्मान या डर के प्रभाव में हम प्रिय वस्तु को खोने हेतु विवश हो जातें है फिर उस वस्तु को प्यार से खोने को तैयार हो जाते है।
अब क्या आपकी प्रिय वस्तु आपसे खो गयी तो क्या आप उसे दुबारा नही पा सकते, मेरा मानना है कि आप उसे दुबारा पा सकते हों पर कैसे सोचिये जरा
आपके पास मूल (चाहत) वस्तु नही है पर आपके पास उसकी फोटोकॉपी है कि आप उससे न जाने कितनी की कॉपी अपने चारों ओर लगा सकते हो,इस फोटो कॉपी से किसी को भी कोई दिक्कत नही होगी और आपने एक मूल वस्तु खोई है पर आज आपके पास सैकड़ो फोटोकॉपी है और उसे रखने का आपको पूरा अधिकार है इस संसार की कोई ताकत आपसे उस फोटोकॉपी को नही छीन सकती।
पर आपको प्रत्येक फोटोकॉपी को मूल कॉपी सा ही प्यार,आदर और सम्मान देना होगा तो उसका मूल्य मूल वस्तु के मूल्य से भी बड़ा हो जाएगा। एक समय ऐसा भी आएगा कि आप फोटोकॉपी और मूल को समान मूल्य देंगे।
क्योंकि तराजू का एक पडला भारी होने का मतलब यह नही होता कि दूसरा हल्का हो गया है जबकि उसका वजन उतना ही रहता है अपितु दूसरे का वजन बढ़ जाता है, पर हम यह सोचते कि की पडले का वजन कम हो गया। याद रखिये एक न एक दिन वह समय आएगा कि वह पडला जो भारी वजन के विरुध्द शून्य में झूल रहा है वापस अपनी जमीन को पा लेगा।

आपकी फोटोकॉपी का मूल्य इतना बड़ा कर दो की मूल कॉपी की आवश्यकता नगण्य हो जाये। परन्तु अपनी मूल वस्तु के प्रति आपका आदर और सम्मान और प्यार वैसा ही होना चाहिये जैसा फोटोकॉपी के पहले प्रिंट के निकलते समय था अतः दुख न करें और खोई हुई मूल वस्तु की असंख्य फोटोकॉपी तैयार करे और जीवन मे खुश रहे
संजीव बल्लाल
© BALLAL S