...

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प्रेम के अटूट धागें..
एक गाँव में रूही उसका परिवार रहता था उसका कोई भाई नहीं था, जब रक्षाबंधन आता तब आँखे नम हो जाती थी.तब वो अपने पिता से कहती की मेरा कोई भाई क्यों नहीं हैं जो मेरे साथ खेले झगड़ा करे
बड़े होने पर मेरा बॉडीगार्ड बन चले जैसे सब भाई बहनो के पीछे जाते हैं. मेरे आगे पीछे कौन चलेगा तो पिता जी ने समझाया की तुम्हे अपनी सुरछा खुद करनी होंगी.. और मुसीबत में जब इंसान जब पड़ता तो भगवान उसकी सुरक्षा के लिए कोई ना कोई दूत को...