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जीवन में ठहराव
कथा एक हमेशा से ही aarthik गति वाली व्यक्तती थी।वह अपने बीमार बेटी के साथ रहती थी और उसके ईलाज के लिए काम कर ती थी। उसको सहारा देने वाले भी लोग छोड़ दिय ।उसके दिन बैठकों, समय-सीमाओं और अधिक के लिए निरंतर प्रयास के बवंडर में बीतती थी। वह जीवन में अकेले ही भाग-दौड़ करती रही, जिससे सरल सुखों, शांत क्षणों के लिए बहुत कम समय बचती थी, जो गहरे अर्थों की फुसफुसाहट करते थे।
एक शाम, जब शहर की रोशनी उसके ऊँचे-ऊँचे...