कहानियो मे कहानियां
पिता और बच्चों मे जब उम्र का बहुत अन्तर होता है
अक्सर पिता और बच्चों के विचार मे बहुत अन्तर देखने को मिलता है
आलोक आलोक 😡
क्या हुआ पापा?
टीवी नहीं चलाया
चला दिया
अगले दिन
आलोक कहां हो ?
आलोक सामने आकर खड़ा हुआ
चाय बना दे
आलोक चाय बनाने लगा
थोड़ी देर बाद चाय दी
आलोक अंदर से टूटा गया था
उसके अपनों ने तंत्र करके कई बार उसे घाव दिए
ऊपर से उसे कोई समझे ऐसा लगता नहीं था
कभी कभी आलोक और उसके पिता मे बहस हो जाती
पापा - ###
उसके पिता ने गाली दी पर आलोक ने रिटर्न मे कुछ भी नहीं कहा
खुद को खुश बताने की हर कोशिश करता उसे लगता वो दुःखी नहीं बल्कि बिखर गया है
पर फिर भी उसे किसी से भी शिकवा नहीं था
दोनों उम्र मे बहुत अन्तर होता है दोनों को ही एक दूसरे को समझना चाहिए
.................................................................
प्रीति
हाँ माँ
तेरे पापा मार्केट गए है और मौसम बहुत खराब है
माँ चिंता मत करो पापा जल्दी आ जाएंगे
प्रीति चाय बनानें लगी
थोड़ी देर प्रीति ने माँ को चाय दी और खुद भी चाय पीने लगी
माँ को अजीब सा लगने लगा पसीने पसीने
माँ माँ क्या हुआ
मुझे अजीब सा लग रहा है जैसे तेरे पापा
कहते कहते माँ रोने लगी
कुछ नहीं होगा पापा को
प्रीति ने मोबाइल मे भजन चलाए
भजन सुनकर माँ को थोड़ा सुकून मिला
बेटी अब मुझे डर नहीं लग रहा
थोड़ी देर बाद पापा आ गए
माँ पिता को देखकर मुस्कुराई
प्रीति ने पूरी बात बताई की आप जब बाजार गए थे माँ को अज़ीब सा लगने लगा था जैसे आपको कुछ हुआ है कहते कहते माँ रोने लगी थी
मैंने मोबाइल मे भजन चलाए उसके बाद माँ को राहत मिली
थोड़ी देर बाद पापा आप आ गए
हाँ हुआ था अचानक एक ट्रक आ गया था सामने
मुझे लगा आज तो भगवान का बुलावा आ गया
पर अचानक एक रोड रोलर सामने आ गया
वो मेरे आगे ढाल बनकर खड़ा हो गया
पता नहीं उसे किसने भेजा पर मैंने भगवान को धन्यवाद करा की आपकी कृपा से मुझे कुछ नहीं हुआ
घर आकर एहसास हुआ ये ईश्वर को सुमिरन करने से हुआ
हम भले एक क्षण भी भगवान को याद करते है तो वो हमारी मदद जरूर करते हैं
प्रीति और माँ ने कहा हाँ आप सही कह रहे ।
समाप्त
26/6/2024
7:06 शाम
© ©मैं और मेरे अहसास
अक्सर पिता और बच्चों के विचार मे बहुत अन्तर देखने को मिलता है
आलोक आलोक 😡
क्या हुआ पापा?
टीवी नहीं चलाया
चला दिया
अगले दिन
आलोक कहां हो ?
आलोक सामने आकर खड़ा हुआ
चाय बना दे
आलोक चाय बनाने लगा
थोड़ी देर बाद चाय दी
आलोक अंदर से टूटा गया था
उसके अपनों ने तंत्र करके कई बार उसे घाव दिए
ऊपर से उसे कोई समझे ऐसा लगता नहीं था
कभी कभी आलोक और उसके पिता मे बहस हो जाती
पापा - ###
उसके पिता ने गाली दी पर आलोक ने रिटर्न मे कुछ भी नहीं कहा
खुद को खुश बताने की हर कोशिश करता उसे लगता वो दुःखी नहीं बल्कि बिखर गया है
पर फिर भी उसे किसी से भी शिकवा नहीं था
दोनों उम्र मे बहुत अन्तर होता है दोनों को ही एक दूसरे को समझना चाहिए
.................................................................
प्रीति
हाँ माँ
तेरे पापा मार्केट गए है और मौसम बहुत खराब है
माँ चिंता मत करो पापा जल्दी आ जाएंगे
प्रीति चाय बनानें लगी
थोड़ी देर प्रीति ने माँ को चाय दी और खुद भी चाय पीने लगी
माँ को अजीब सा लगने लगा पसीने पसीने
माँ माँ क्या हुआ
मुझे अजीब सा लग रहा है जैसे तेरे पापा
कहते कहते माँ रोने लगी
कुछ नहीं होगा पापा को
प्रीति ने मोबाइल मे भजन चलाए
भजन सुनकर माँ को थोड़ा सुकून मिला
बेटी अब मुझे डर नहीं लग रहा
थोड़ी देर बाद पापा आ गए
माँ पिता को देखकर मुस्कुराई
प्रीति ने पूरी बात बताई की आप जब बाजार गए थे माँ को अज़ीब सा लगने लगा था जैसे आपको कुछ हुआ है कहते कहते माँ रोने लगी थी
मैंने मोबाइल मे भजन चलाए उसके बाद माँ को राहत मिली
थोड़ी देर बाद पापा आप आ गए
हाँ हुआ था अचानक एक ट्रक आ गया था सामने
मुझे लगा आज तो भगवान का बुलावा आ गया
पर अचानक एक रोड रोलर सामने आ गया
वो मेरे आगे ढाल बनकर खड़ा हो गया
पता नहीं उसे किसने भेजा पर मैंने भगवान को धन्यवाद करा की आपकी कृपा से मुझे कुछ नहीं हुआ
घर आकर एहसास हुआ ये ईश्वर को सुमिरन करने से हुआ
हम भले एक क्षण भी भगवान को याद करते है तो वो हमारी मदद जरूर करते हैं
प्रीति और माँ ने कहा हाँ आप सही कह रहे ।
समाप्त
26/6/2024
7:06 शाम
© ©मैं और मेरे अहसास