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....ब्लडी.. पूअर इडियट।।।।।।।।
ब्लडी... पूअर ..इडियट...
सूटकेस पे सो रहा बालक और उस सूटकेस को घसीटती मां और वह सडक मीडीया की स्टोरी की बेशर्म भूख विपक्ष की राजनिती रोटी सेकने की हवस और सत्ता पक्ष कै पैकेजो और घोषणाओ का पोलापन प्रदर्शित कर रही है , पोलापन तो हम सबमें है उस मजदूर में भी जो भीड का हिस्सा बन सडको पर खुद को बिखेरे खडा है, कैमरे वाला पत्रकार मुंह मै कैमरा घुसेडे दे रहा होता है उधर उसका बैटा नन्हू इस आस में की कैमरे वाला उसके माई बाबा की मदद को आया है नाक में उंगली दबाये देखे जाता है.. उसे पता नहीं की उसका बाबा अन्दर से कितना पोला है जो फ्री में बिना मेहनताना लिये अपना महंगा इन्टरव्यू दिये जा रहा है.. एक नेताजी को बहुत दया आ रही है वै सरकार को घेरे जाने के लिये मरे जा रहे हैं नेताजी पार्टी मनाते हुये महंगी शराब के जाम को खत्म करते हुये ट्वीट कर रहें हैं की देखो मजदूरो की क्या हालत हो गयी इस निर्दयी सरकार में एक सरकार नेताजी के घर में भी चलती है उनकी पत्नि की सत्ता में, वह सरकार चिल्लाती है अरे रामू वो गिलास उठाकर तो लाना साहब की टेबल से.. रामू बिचारा जी सरकार कहकर गिलास उठाने दोडने लगेगा उधर नेताजी ने रामू को पिछले तीन माह से कटींग तन्खवाह देनी चालू कर दी है.. उनके रिश्तेदार ने अपने व्यवसाय से लगभग 10 मजदूरो के लात मार दी है अब नेताजी उस रिश्तेदार के लिये भी सरकार से पैकेज मांगने सडक पर आने वाले हैं, सडक पर तो मजदूर भी बिखरा हुआ है, सरकार उसकी मदद करेगी.. सरकार भी पोली है और यह बात भी पोली है ,एक महाशय मजदूरो के प्रवास पर खूब व्यथित हो पोस्ट कर रहे हैं, पीछे से उनकी पत्नि ने अपने दो किरायेदार को निकाल फैंक दिया है, पडोसन को कह रही हैं की बिचारे घर तो जायेंगे ही देखो सरकार कोई ट्रेन भी नहीं चला रही है इधर नन्हू के बाबा के मुंह में घुसा कैमरा बाहर आकर कार में बैठ चुका है.. इतने समय में नन्हू भी अपने नाक का माल कैमरे वाले की पेन्ट पर लगा चुका है... कार से कैमरे वाली की आवाज आती है.....ब्लडी.. पूअर इडियट।।।।।।।।

मुकेश कुमार कुमावत