...

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Sanjana
संजना- घर इतनी देर से क्यूँ आते हो।
राज- तुमसे क्या मतलब।
संजना- तुमसे प्यार करती हूँ और शादी हुआ है तुमसे इतना तो हक़ बनता ही है।
राज- मैं तुमसे प्यार नहीं करता और हाँ आइंदा से यह सब पूछना मत कहाँ गए थे,इतनी देर क्यों हुआ, अगैरा- बगैरा क्योंकि ये बात तुम्हें भी पता है यह शादी एक समझौता है।
संजना- मैं तुमसे प्यार करती हूँ इसलिए शादी की हूँ तुमसे।
राज- लेकिन मैं नहीं करता तुमसे, मैं किसी और से करता हूँ।
संजना- कौन है वो।
राज- तुम्हें तो पता है फिर क्यूँ पूछ रही हो।
संजना- तुम उसे भूल जाओ अब हमारी शादी हो चुकी है यही बेहतर होगा।
राज- मैं उसे दिल से निकाल नहीं सकता और ख़्यालों से भी नहीं।
उसे भूलना आसान भी नहीं मेरे लिए।
संजना- क्या तुम अभी उससे उतना ही प्यार करते हो जितना पहले करते थे।
राज- हाँ प्यार कभी मरता नहीं वो दिल में कहीं न कहीं धड़कता रहता है।
यादों करो वो दिन..............

(3 years ago) तीन साल पहले...

राज- माँ मैं कॉलेज जा रहा हूँ
राज की माँ- नास्ता तो करता जा।
राज- नहीं माँ मैं रास्ते में कर लूँगा।
राज की माँ- ठीक है।
कॉलेज में राज का दोस्त चंदन- कहाँ था इतना देर लेट से आ रहा है।
राज- घर से मैं जल्दी निकल गया था,नास्ता भी नहीं किया था ,नास्ता करने लगा था सो लेट हो गया।
चंदन- अच्छा ठीक है, चल तो थोड़ा लाइब्रेरी में एक किताब लेना है।
राज- अच्छा चल।

लाइब्रेरी का गेट ओपन करते ही सामने से एक लड़की राज से टकरा जाती है।
राज- सॉरी सॉरी।
लड़की- इट्स ओके।
राज- रुकिए आप का बूक कलेक्ट कर देता हूँ
लड़की-कोई बात नहीं मैं कर लूँगी।
राज-अरे कोई बात नहीं उठा देता हूँ।
लड़की-ठीक है।
राज- आपका नाम क्या है?
लड़की- अंजिल।
राज- नॉइस नेम।
अंजिल- तुम्हारा?
लड़का- राज।
राज- कौन से क्लास में हो आप?
अंजिल- इंग्लिश डिपार्टमेंट में होनर्स और तुम?
राज- मैं साइंस डिपार्टमेंट होनर्स
अंजिल- गूड, अच्छा ठीक है चलती हूँ बाए(bye)...
राज- रुकिए हम फ्रेंड्स(हाथ आगे बढ़ा के)!
अंजिल- ठीक है(हाथ मिलाकर)

देखते ही देखते दिन गुज़रने लगे अंजिल और राज बेस्ट फ्रेंड बन गए थे।
दो साल दस महीने गुज़र चुके थे....
बस बाक़ी थे दो महीने कॉलेज के कोर्स ख़त्म होने में ...और वो दिन आ गए दोनों जुदा होने को थे।

राज- मैं तुमसे बहोत प्यार करता हूँ तुम्हारे बिना नहीं रह सकता,सोचा दिल की बात बोल दूं आज नहीं बोल सकूँगा तो कभी नहीं बोल सकता।
अंजिल- मैं भी तुमसे बहोत प्यार करती हूँ बट मैं तुमसे कितने दिनों से कहे नहीं पा रही थी।
राज- सच मैं?
अंजिल- हाँ (गले लग जाती है राज के)
राज- अच्छा ठीक है अपना नंबर दो?
अंजिल- अपना नंबर देती है।

दोनों चले जाते है घर , उनका अब अक्सर फ़ोन पर ही बात होता है।
देखते ही देखते कुछ साल बीत गए।

राज- चलो अब हम शादी कर लेते हैं?
अंजिल- ठीक है, उससे पहले चलो मिलते है?
राज- कहाँ?
अंजिल- तुम्हारे घर आ रही हूँ , तुम्हारे मम्मी -पापा से मिल भी लूँगी।
राज- ठीक है।

अंजिल आती है रास्ते से स्कूटी लेकर
तभी एक सामने से आती सफ़ेद टेक्सी से टक्कर हो जाता है,उसी रास्ते अंजिल की फ्रेंड कहीं जा रही थी उसका ध्यान अंजिल पर पड़ता है वो उसे पास का एक हॉस्पिटल में ले जाती है। अंजिल की फ्रेंड अंजलि का फ़ोन लेकर सामने जो नंबर से बात हुआ होता है उसी पर कॉल करती है और यह सब बताती है, कॉल पर राज होता है। यह सारी बात सुनकर राज के हाथों से मोबाइल उसका गिर जाता है वो भागा - भागा हॉस्पिटल आता है।
हॉस्पिटल में आता है तो पता चलता अंजिल भर्ती है ब्लड बहोत बहे चुका है, क्रिटिकल सिचुएशन है डॉक्टर का कहेना है कुछ कहा भी नहीं जा सकता।
अंजलि की दोस्त- राज के कंधे पर हाथ रखकर कहेती है सब ठीक हो जाएगा घबराहो मत ,मैं संजना हूँ अंजलि की दोस्त मैं तुम्हारे कॉलेज में ही पढ़ती थी।
संजना- मन ही मन कहेती मैं तुमसे बहोत प्यार करती हूँ।

बात कुछ ऐसा है कि संजना जब कॉलेज में देखती है पहली बार तभी
उसे कहेना चाहती थी मगर वो उसकी दोस्त अंजलि को देखकर राज के साथ तो कहे नहीं पाती थी
जब कॉलेज का लास्ट दिन जब संजना ने देखा कि कॉलेज में राज और अंजिल गले मिल रहे है तभी वो वहाँ से चली गई, वो समझ चुकी थी कि राज और अंजिल एक दूसरे से प्यार करते हैं।

हॉस्पिटल का डॉक्टर- जाइए पेशेंट से मिल लीजिये पेशेंट कुछ कहेना चाहता है कभी भी, कुछ भी हो सकता है।
राज दौड़ के जाता है अंदर कमरे में जहाँ अंजिल भर्ती थी, जिस बेड में थी।
अंजिल- घबराही हुई ...! राज मैं ज्यादा देर तक जी नहीं सकती।
राज- अंजिल को मुँह पर अँगुली रखते हुए कहेता है ऐसा मत बोलिए, आपके बिना हम जी नहीं सकते।
अंजिल- मैं तुमसे कुछ कहेना चाहती हूँ ?
राज- बोलो।
अंजिल- तुम मेरी फ्रेंड संजना से शादी कर लो जो बाहर खड़ी है।
राज- मैं आप से प्यार करता हूँ संजना से शादी कैसे कर सकता हूँ।
अंजिल- तुम्हें मेरी क़सम।
राज- ऐसा मत बोलिए....
आपकी जगह कोई और नहीं ले सकता।

अंजिल संजना को देख लेती है उस दिन जब कॉलेज का लास्ट दिन होता है कि वो रो रही थी राज को देख।
अंजिल पूछती है संजना से क्या बात है
संजना कुछ नहीं बोलती है वहाँ से चली जाती है।
जब अंजिल राज का घर आ रही थी तब वो संजना को फ़ोन करती है और कहेती है कि तुम भी चलो राज से मिलकर आने को, तो संजना यह सुन रोने लगती है फिर उसी दिन की तरह,
तो अंजिल पूछती है क्या बात है तुम आज बताओ जब भी राज को या राज का नाम सुनती हो तो रोने क्यूँ लगती हो, तुम्हें मेरी क़सम, तुम्हें आज बताना होगा ? संजना बोलती है कि मैं राज से प्यार करती हूँ मैंने देखा कि राज तुमसे प्यार करता है, तो मैं वहाँ से चली गई।

अंजिल- मुझसे प्यार करते हो न तो मेरी बात नहीं मानोगे।

बहोत बोलने पर हाँ कर देता है राज

राज- ठीक है पर मैं प्यार आपसे ही करता हूँ और करता रहूँगा।

तभी अंजिल का हाथ राज के हाथ से छूट जाता है और अंजिल की धड़कन रुक जाती है, राज ज़ोर-ज़ोर से रोने लगता है तभी आवाज़ सुनकर संजना अंदर आती है ये देख संजना के आँखों में भी आँसू आ जाता है।

देखते ही देखते बहोत दिन बीत जाते है राज अंजिल के ग़म से बाहर निकल नहीं पता है।
तभी संजना उससे एक दिन मिलती है
और अपनी दिल की बात बताती है।

राज- अंजिल मुझे क़सम दी है कि तुमसे शादी करने को ,कि तुम मुझसे बहोत प्यार करती हो।
संजना- हाँ मैं तुम्हें बहोत चाहती हूँ चलो शादी कर लेते है तुम्हें अब इस ग़म से निकलना चाहिए अंजिल को देखकर ये अच्छा नहीं लग रहा होगा।

एक सप्ताह बाद संजना और राज की शादी हो जाती है।

(now days) present time.....
कहानी अब तक.....

संजना- ठीक है लेकिन वो बात को तीन साल बीत चुका तुम वो सब भूल जाओ कब तक वो सब याद करके ख़ुद को तकलीफ़ देते रहोगे।
राज- जो भी हो।
संजना- देखो मैं तुमसे प्यार करती हूँ और तुम्हे ऐसे हाल मैं नहीं देख सकती। सोचो मेरी जगह अंजिल रहती तो क्या तुम उसके साथ भी ऐसे करते , बोलो?
राज- नहीं.. मैं उनसे प्यार करतस हूँ उनके साथ ऐसा नहीं करता।
संजना- तो फिर समझो मैं अंजिल ही हूँ
राज- नहीं तुम अंजिल नहीं हो।
संजना- मैं अंजिल ही हूँ मुड़कर तुम देखो।

राज मुड़कर जैसे देखता है तो उसे अंजिल ही दिखाई देती है हालांकि वो संजना थी, उसके अंदर अंजिल की आत्मा आई थी

राज- संजना को जाकर गले लगा लेता है अंजिल समझकर और रो-रोकर कहने लगता है, कि आप कहाँ चलती गईं थी हमें छोड़कर
अंजिल(संजना)- मैं तुम्हारे साथ ही हूँ , तुम्हारे पास ही हमेशा न तुमसे दूर हूँ न दूर गई हूँ।

राज- कभी छोड़ मुझे आप न जाना।
संजना- बेहोश हो जाती है।
राज- अंजिल , अंजिल तभ देखता है,कि वो संजना है उसे बेड पर उठाकर रखता है। तब वह सोचता है उसे अंजिल का क़सम याद आता। अंजिल कहे कर गई थी संजना को हर हाल में ख़ुश रखने के लिए ।
संजना को वो दुःखी कर देता है अब से ऐसा वो नहीं करेगा।

संजना को होश आता है।

संजना- क्या हुआ, कुछ हुआ था क्या?
राज- संजना को गले लगा लेता है
और कहेता है, शादी कोई समझौता नहीं।
प्यार वो आज भी अंजिल से करता है कल भी अंजिल से करता रहेगा
जहाँ तक सवाल है संजना का, तो वो उसे हर हाल में ख़ुश रखेगा।
उसके लिए , वो उससे प्यार भी करेगा अंजिल समझकर क्योंकि उसे संजना में अंजिल नज़र आती है।

"शादी अगर कोई समझौता है
शादी के बाद भी प्यार होता है"

© Adarsh Sinha