कैसे आएंगे।
कागज़ों के फूलों में कबतलक महकेगा इतर।
आख़िर दर्द के ही दिन आएंगे।
खा रही जिन पेड़ों की जड़ों को दीमक।
भला उन डालियों पर फूल कैसे आएंगे।
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आख़िर दर्द के ही दिन आएंगे।
खा रही जिन पेड़ों की जड़ों को दीमक।
भला उन डालियों पर फूल कैसे आएंगे।
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