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माता पिता या भगवान 🙏🏻
मंदिर मस्जिद में कब तक हम भगवान को ढूंढ़ते रहेंगे,
कभी देखना ध्यान से,तुम्हारे आस पास ही मिलेंगे,
क्यों ढूंढे हम भगवान को,जब हमारे साथ उनका साया है,
इनकी कमी को पूरा करने के लिए माता-पिता को बनाया है,
मां के जैसी लौरी कि बात भगवान में कहा,
पापा के जैसे मजबूत हाथ भगवान के कहा,
हमने देखा है मां के हर रूप में भगवान को,
उसने तो न्योछावर तक कर दिया अपनी जान को,
पापा अंगुलियां पकड़कर चलाते थे,गिरने पर गौद में थाम लेते थे,
बड़े होने पर गर गलतियां कि,तो उन पर थोड़ा डांट देते थे,
पापा का रवैया बदलता और हमारे आंखो के आंसू आते,
इसी बात पर पापा मम्मी में झगड़े शुरू हो जाते,
कुछ देर बात खुद ही मना भी लेते थे,
कभी "टॉफी" तो कभी "आइसक्रीम" का लालच देते थे,
वो पल थे कुछ सुनहरे,उन्हें यादों से मिटाए कैसे,
छूट गया है जो हमसे,उस बचपन को बुलाए कैसे,
हमेशा साथ रहा उनका चाहे कैसा भी वक़्त आ गया,
अकेला नहीं छोड़ा उन्होंने,अगर कभी ये दिल घबरा गया,
कुछ बंदिशे,कुछ उम्मीदे,तो कुछ ऐसे संस्कार है उनके,
चुका भी कैसे पाएंगे,कुछ ऐसे महंगे उपकार है उनके,
अब बारी हमारी है,हर एक आंसू मिटाने की,
कोशिश तो यही रहेगी,थोड़ा उपकार चुकाने की,
कोई अगर पूछ लेना कि भगवान किसे कहते है,
तो हम कहेंगे...
कि वो बस माता-पिता में ही रहते है।

© SHASHI