विश्व पर्यावरण दिवस
आज विश्व पर्यावरण दिवस है। अब सिर्फ विश्व ही बचा है, पर्यावरण कहां बचा है। विश्व की आबादी 8 बिलियन के आसपास हो गई है। जिस हिसाब से हम रह रहे हैं उस हिसाब से आज हमें रहने के लिए 1.6 पृथ्वी की जरूरत है जबकि पृथ्वी एक है ।प्राकृतिक संपदाओं के अत्यधिक दोहन के कारण आज पर्यावरण परिवर्तन खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है और पृथ्वी का तापमान निरंतर बढ़ता जा रहा है। इससे प्राणियों और लोगों को दूसरे स्थानों पर जाना पड़ रहा है और जान माल के नुकसान के समाचार हर साल आते हैं। इसलिए संदेश यह कि पृथ्वी एक है और इसके हिसाब से ही हमें अपनी जरूरतें रखनी चाहिए। प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग सोच समझ कर करना होगा और पर्यावरण वेताओं द्वारा सुझाए गए उपायों और उठाए गए सवालों पर गंभीरता से सोच कर अमल में लाना होगा।
यानी जितनी चद्दर उतने पैर पसारिए।
"Only one Earth- fit the current scenario perfectly"
© Mohan sardarshahari
यानी जितनी चद्दर उतने पैर पसारिए।
"Only one Earth- fit the current scenario perfectly"
© Mohan sardarshahari