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" आभार "
" आभार "

बात बीते बीस बरस पुरानी है..!

रेल में सफर कर रही थी सपना.. ।
वह अपने परिवार के साथ जिस में एक चार वर्षीय बेटी और पति राज हैं..।

दिल्ली से सवार हुए और चिन्नई अगला स्टेशन आने वाला है..। कुछ स्थानीय यात्री आरक्षित बोगी में चढ़ गए..। शाम का वक्त था..।

रेलगाड़ी स्टेशन से छूटी और लोगों की भीड़ यहाँ वहाँ जगह तलाश कर रहे थे..। जो जवान थे वो सबसे ऊपर की बर्थ पर डेरा डाल कर बैठ गए..।

सपना नीचे के बर्थ पर बैठे लोगों को गौर से निहार रही थी तभी उसकी नजर एक लड़के पर पड़ी तो वह कुछ परेशान लग रहा था..।
वह माथे पर रुमाल बांधे हुए देखाई दिया..।
वह साईड के ऊपर वाले बर्थ पर बेचैनी से अपने स्टेशन पर जल्दी पहुंचने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था..। थोड़ी-थोड़ी देर में वह अपने सिर को दबा रहा था..।

सपना को समझने में देर नहीं लगी कि वह सिर दर्द से परेशान है..।
रेलगाड़ी अपनी रफ़्तार से दौड़ रही थी..।

मुख्य स्टेशन अभी बहुत दूर है मगर छोटे-छोटे स्टेशन पर रुकती और स्थानीय सवारियों की भीड़ बढ़ती जा रही थी..।
कुछ देर बाद वह लड़का भरे हुए बर्थ में लेटने की कोशिश कर रहा था..।
शायद वह कुछ ज्यादा तकलीफ़ में था। उसकी उम्र कोई बीस वर्ष की होगी..। दुबला पतला शरीर का रंग साफ था , आँखें छोटी-छोटी और मूछ बहुत कम दिख रहा था , कद काठी मध्यम..।

वह देखने में विद्यार्थि लग रहा था..। कहीं परदेश से छुट्टी पर अपने घर लौट रहा था शायद , उसकी पीढ पर बड़ा सा बैग लदा हुआ था..।
जब-जब वह परेशानी में दिखाई देता तब-तब सपना उसे दयनीय दृष्टि से देखती तो उसकी नज़र बार-बार सपना की तरफ़ पड़ती..।

रात का अंधियारा धीरे-धीरे अपने आगोश में लिए जा रहा था..।
पटरी पर रेलगाड़ी के दौड़ने की आवाज़ किसी तकलीफ़ देह व्यक्ति के लिए बेहद कष्टकारी होता है, मगर क्या करें..? रेलगाड़ी को चीखते हुए ही लम्बे रास्ते तय करना है..।

सपना ने अपने बैग को खोला और उसमें से दर्द निवारक दवाई निकाली और लड़के की तरफ़ पानी की बोतल के साथ बढ़ा दी..।
लड़के ने निःसंकोच अपना हाथ बढ़ाया और गोली पर नजर डालते हुए बिना कोई सवाल किए वह गोली निगल गया..।
उसकी आँखों में आभार का भाव प्रकट करते हुए वह लेट गया..।

सपना ने यह काम, अपने पति राज की नज़रों से बचते हुए किया , जब वह सीट से उठ कर दरवाजे की ओर गए..।

अपने पति के सामने वह मानवता का धर्म किसी कीमत पर नहीं निभा सकती थी..।
बहुत देर से सपना सही मौका तलाश रही थी और ईश्वर ने मदद का हाथ बढ़ाया और मौके पाते ही उसने अपने कर्तव्य को बखूबी निभाई..।

अब जाकर सपना ने राहत की सांस ली और एक सुखद अनुभूति में लीन हो गई..।

दवाई लेने के बाद कुछ समय में ही लड़के ने भी आराम पाया..।
यह उसके हाव-भाव से स्पष्टतः विदित हो रहा था..।

रात काफ़ी हो गई थी कुछ पुरानी सवारियाँ उतर रही थीं और नई सवारियाँ भीड़ की भीड़ बोगी में भरने लगे , अब दम घुंटने
लगीं थीं ..।

रात के भोजन का समय हो गया और सब लोग खाना खाने में व्यस्त हो गए..।
थोड़ी देर तक यह क्रम चलता रहा..।

अब सब बिस्तर लगाने का इंतजार कर रहे हैं, मगर स्थानीय यात्रियों ने सीटों पर कबजा किए बैठे हैं..।

रेलगाड़ी धीमी गति पर आ गई थी लगता है चिन्नई स्टेशन आ गया था..। इतने में वह लड़का भी वहीं उतर गया, जाते हुए मुझे देख कर वह मुस्काया..।

पूरे सफ़र में अब उसके चेहरे पर मुस्कान देख कर मुझे अच्छा महसूस हो रहा था और उसे भी आराम आ गया था..।

इस सफ़र के दौरान उनके बीच कोई भी जीव्हा वार्ता नहीं हुई थी..। सब कुछ मौनता के आधार पर किया गया था..।

लड़के के प्लेट फार्म पर उतरने के बाद सपना ने बाहर की तरफ़ सीट से ही झांक कर देखा तो वह उसकी तरफ़ ही देखते हुए वहीं ठहरा हुआ था..।
दिल में धन्यावाद की भावना से ओतप्रोत वह अपने नज़रों से और अपने उपस्थिति से दर्ज करवाता रहा..।

पंद्रह मिनट के बाद ही रेलगाड़ी ने हार्न बजा कर संकेत दिया कि अब चलने का वक्त हो चला है..।

आहिस्ता-आहिस्ता झटके से रेल गाड़ी गतिमान हुई और वह एकटक सपना को जाते हुए यूँ ही देखता रहा जब तक रेलगाड़ी उसकी आँखों से ओझल नहीं हो गई। मन में उसके बहुत से सवाल हिलौरे ले रहे थे..!

मगर खामोशियों में कुछ घंटों का सफ़रनामा
अनेकों सवालों ने उन दोनों को छंकझोर गया..!

बात पुरानी हो गई मगर उस खूबसूरत सफ़र का एहसास आज भी सपना के मन को भावविभोर कर जाती हैं..।
यह वाक्या तो उस लड़के के जीवन में आज भी जीवन्त तो होगा ना जैसा कि सपना के जीवन में है..!

नेक काम करने का सुखद अनुभव जीवन में सदैव मन को पुलकित करते रहते हैं..!
जैसे कि सपना के साथ हो रहा था और होता है..!

यह सपना के जीवन में घटित हुई एक बेहद सुन्दर घटना थी जो उसकी यात्रा को स्वर्णिम स्मरण की श्रेणी में लाता है..!

सपना को यह खुशी बार-बार प्राप्त हुआ है कि वह कभी किसी अनजान के दर्द को महसूस कर उसे चंगा करने में अपना सफल योगदान दिया था..!

🥀 teres@lways 🥀