मैं तुमसे फिर मिलना चाहूँगी...
मैं तुमसे फिर मिलना चाहूँगी...
जब झुर्रियाँ मेरी खूबसूरती को घटाने लगे
और चेहरे की चमक भी जाने लगे
तुम नजरों से तराशना उस वक़्त मुझे
मैं फिर गुलाबों की तरह खिलना चाहूँगी
मैं तुमसे फिर मिलना...
जब झुर्रियाँ मेरी खूबसूरती को घटाने लगे
और चेहरे की चमक भी जाने लगे
तुम नजरों से तराशना उस वक़्त मुझे
मैं फिर गुलाबों की तरह खिलना चाहूँगी
मैं तुमसे फिर मिलना...