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" एक था फ़किर और एक थी, उसकी- रानी! "
एक था फ़किरा और
एक थी, उसकी- रानी! "
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" एक फ़किर ने कहा था f#@kira कभी
अपनी रानी से k सुन कोई हमसफ़र ऐ साथी से
के 'गौरा बिन बुलाए ऊ नईहर न जईओ हंसिनी
होत न आदर जहां न कोई k सम्मान ऐ मेहमान'
मगर होनी जो लिख चुका था विधाता तकदीर
उसे कोई कैसे भला टाल सकता था ।
जिते जी व उस विधवा की तरह जी रही थी रूह
रूहानी कोई जो आदम ऐ राम woMen कोई
जो रीढ़ की हड्डी से उस जादुगर ने कोई सुन
अपने ही जिस्म से जैसे कोई हरदम फरिश्ता
नारायण और जैसे कोई लक्ष्मी एक सतयुग
Eden Garden कोई Heaven Paradise
स्वर्ग न जहां कोई उसके वो सातवां आसमान
से इस धरती के भू-मंडल में
एक Fallen Angel F#@KiRa
फ़रिश्ता था जो कभी फ़किरा
कैसे सुरू हुई बिच मझधार कोई कहानी
रानी थी जो कोई दक्ष प्रजापति की तराजू
कुंडली ही में ही अपनी भोले भंडारी की
जब लक्ष्मण शैषनाग Snake या Devil
Eve ने अपने परमेश्वर की वह रेखा वचन
सीमा, ‌‌लांघी- थी!
वक़्त से उस टकराने की कोशिश कर रही
आज भी कोई जैसे कोई भी स्त्री या फिर नारी
जब जानती ही नहीं कोई वनवास ऐ सीता को
कहानी फिर हर बार फिर से एक ही स्वरूप में
जब रचइता से खुद ही एक रचना ने कायनात
में से खुबसूरत में से भी खुबसूरत कोई रिश्ता
पत्नी बहन मां कहुं में सर झुका कर f#@kira
नमन मां को भी जो है भी एक देवी फ़रिश्ता
परिवार संग जब तक कोई विदाई सुन फ़किरा
कन्या दान जब तक न एक पीता ज्ञानी त्रिलोकी
Love और खुश से भी जो प्रसंग नहीं था माली
युद्ध कोई हर युग बिन योद्धा के एक अयोध्या
War उस महादेव k अपने उस देवी के खातिर
लडी गई थी।
कौन था आदम इब्राहिम ब्राह्म आदि देव राम?
आओ कहानी कोई एक बहुत पुरानी एक रानी
और एक फ़किर की सुनाता हूं ............. ‌‌।
५००० का यह सृष्टि चक्र आखिर चलता है कैसे
कौन है आर्यन नानक इशू अल्लाह और राम ?
लिखा पढ़ी कोर्ट कचहरी की बात उस इंसाफ़
देवी जो अपने हाथों में लिए तराजू उस राजा
अपने दोनों हाथों में पट्टी बांध कर के महाभारत
कर या करवा रही थी कोई द्रोपदी बहु पांचाली
अर्यान न Iran न जाने कोई भाई संग शकुनी
बचा था जो सिर्फ और सिर्फ बदला लेने कोई
जब कोई धोखे के संग कोई पुनर वह विवाह
जब एक अंधे के संग कर दि जाती है!
तू नहीं समझ पा रही आज जो सुन आज की
कोई भारतीय ऐ अबला नारी
देख इतिहास को पुरानी
आज भी देवी उस विवाह पच्यताप कोई
लगाई जाती तेरी जाति है!
के महारानी वो कहानी फिर से दोहराती है
चाहें शंकर -पार्वती हो या पुत्र गणेश कोई
अपने पिता को जब जिस किसी भी पुत्र ने
खुद पहचान न पाया है
वह भी बस इसलिए कोई मां ने द्वार ऐ द्वारा
अपने ही पुत्र का ही लाड़ला पुत्र जैसे थे कोई
एक Love और एक खुश के कहता सुन कोई
किरदार एक किरायेदार परिवार मुहजूबानी
K एक सोना की कहानी रानी सुन
जो महंगा पड़ा था उस उल्फत के बजार में
मजार ऐ मोहब्बत जो कहानी सुना रहा हैं
चंद्र वली एक मजार एक तराजू उस लीलाधर
लीला जो पुत्र हैं स्वर्ग: ललिता राज़ कोई तुमसे
सुना यह है
न ही अब कोई हैरानी ही होती है देख सुन कर
कोई अपनों को अपने से टकराकर f#@kira
न जाने उन्हें क्या मिलता है?
K
वह जंग अपने बाप के साथ टकराने का हमेशा
अंजाम ऐ परिनाम सदा से कोई उस मोहब्बत में
सुन सदा; हर हर सोहागन
हर हर महादेव फ़किरा
कोई; महंगा ही, पड़ा- है!

To be continued


© F#@KiRa BaBA