बाढ़
आज फुर्सत में थी तो तुम्हारी यादों ने ऐसे कब्जा किया मेरे हर वक्त पर जैसे इन्हे इंतजार था मेरे थोड़ा अकेले होने का।
अजीब है ना, तुमसे बात करने के लिए मुझे लिखनी होगी कोई डायरी या नोट पैड यकीन नहीं होता।
ये सब हो चुका है और इसके होने को एक साल बीत चुका है इस बात का भी यकीन नही...
अजीब है ना, तुमसे बात करने के लिए मुझे लिखनी होगी कोई डायरी या नोट पैड यकीन नहीं होता।
ये सब हो चुका है और इसके होने को एक साल बीत चुका है इस बात का भी यकीन नही...