बाल्लम्मा ने ट्रेन मे लिये मज़े
बाल्लम्मा रोज अपनी पति की राह देखकर रात मे जल्दी सो जाती थी। हर रात वोह यही उम्मीद करती थी की उसके पति के साथ वोह जी भर के सेक्स के मज़े ले पर उसका पति थक के आकर बिना कुछ किये ही सो जाता था और इसकी ख्वाहिश तडप मे बदलने लगी। बाल्लम्मा को समझ नही रहा था उसकी नीचे लगी आग वोह कैसे बुझाये।
एक दिन बाल्लम्मा अपने मयेके के लिये निकल गयी।उसने ट्रेन पकड़ने के लिये स्टेशन चली गयी।उस दिन उसने सारी पहनी थी। ट्रेन जब स्टेशन आयी तब लेडीज़ डब्बे मे भीड थी और गलती से जनरल डब्बे मे चड गयी। पर अगले ही स्टेशन मे वहा भी भीड हो गयी। अब तोह हिलने की भी जगह नही थी और उसका उतरना 4 स्टेशन बाद मे था। भीड मे एक नौजवां कॉलेज का लड़का उसके पीछे खड़ा हुआ था।भीड की वजह से दोनो चिपक गये थे ।
लडका पीछे से बाल्लम्मा के शरीर को मेहसूस कर रहा था। अगला...
एक दिन बाल्लम्मा अपने मयेके के लिये निकल गयी।उसने ट्रेन पकड़ने के लिये स्टेशन चली गयी।उस दिन उसने सारी पहनी थी। ट्रेन जब स्टेशन आयी तब लेडीज़ डब्बे मे भीड थी और गलती से जनरल डब्बे मे चड गयी। पर अगले ही स्टेशन मे वहा भी भीड हो गयी। अब तोह हिलने की भी जगह नही थी और उसका उतरना 4 स्टेशन बाद मे था। भीड मे एक नौजवां कॉलेज का लड़का उसके पीछे खड़ा हुआ था।भीड की वजह से दोनो चिपक गये थे ।
लडका पीछे से बाल्लम्मा के शरीर को मेहसूस कर रहा था। अगला...