...

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दीवानी तेरी
हाँ हूँ मैं दीवानी तेरी ,इस बात को मैं आज कबूल करती हूँ।
मैं अब से नहीं,बल्कि बहुत पहले से ही तुम्हें पसंद करती हूँ।

मैं तो कब से,तुमसे एक तरफा ही मोहब्बत किए जा रही थी।
तुम भी मुझे ,मोहब्बत करते हो इस बात से मैं अनजान थी।

अब पता चला ,मोहब्बत एक तरफा नहीं दोनों तरफ थी।
पर प्यार का इजहार ,करने की हिम्मत दोनों में ही ना थी।

मैं तो इस इंतजार में थी,के कब तुम्हारी तरफ से पहल होगी।
अब तुमने पूछा तो ,मैंने अपने दिल की बात तुमसे कह दी।

अब जाकर, तुमने अपनी मोहब्बत का इज़हार किया है।
मैंने ये सुनने के लिए ,कब से इस पल का इंतजार किया है।

अब जाकर ,मेरी इस मोहब्बत को तुम्हारा नाम मिला है।
बहुत खुश हूँ मैं अब, तुमने हमसे प्यार का इज़हार किया है।

हाँ हूँ मैं दीवानी तेरी ,इस बात को मैं आज कबूल करती हूँ।
मैं अब से नहीं,बल्कि बहुत पहले से ही तुम्हें पसंद करती हूँ।