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ईमानदारी का तोहफ़ा
एक बार की बात है एक राजा और उसके दो बेटे थे राज्य के सामने ही एक घना जंगल था राजा बूढ़ा हो चला था इसलिए उसने सोचा कि अब राज्यपाठ अपने योगी बेटे को देना चाहिए जो उसके योग्य हो, तब उन्होंने उन दोनों के लिए प्रस्ताव रखा की आप दोनों को उस पहाड़ी जंगल में जो पशु आपको सबसे पहले दिखे उसे लेकर आना है, आप दोनों के यहां आ जाने के बाद यह देखा जाएगा की किनका पशु सबसे बड़ा एवं ताकतवर है जिनका पशु सबसे बड़ा पाया जाएगा उन्हीं को यह राज्य दिया जाएगा। यह सुन दोनों ही बेटे अपने पिता को सम्मान करते हुए इसके लिए तैयार हो जाते हैं अगले ही दिन प्रतियोगिता के लिए भीड़ इकट्ठी हो जाती है और दोनों राजकुमारों का साहस बढ़ाती है। अब राजा पहले बेटे को अनुमति देते हैं कि वह अपना पहला प्रस्थान करें। अब बड़ा राजकुमार जाने के लिए तैयार हो जाता है। वह जैसी ही जंगल के अंदर जाता है उसे सबसे पहले एक चींटी दिखती है परंतु वह यह सोचता है की एक चींटी से मेरा क्या होगा चींटी तो सबसे छोटा प्राणी है मैं इसे अपना राज्य नहीं जीत पाऊंगा इसलिए वह आगे बढ़ जाता है फिर उसको एक खरगोश मिलता है वह फिर यही सोचता है कि यह खरगोश मुझे मेरा राज्य नहीं दिला सकता वह फिर आगे बढ़ता है इस तरह करते-करते वह आखरी में पहुंचता है और उसे एक हाथी मिलता है वह उस हाथी को अपने वश में करके राजा को पेश करता है और सब उनकी साहस को देखकर, उनके लिए तालियां बजाते हैं। अब छोटे बेटे की बारी आती है वह जंगल की ओर आगे बढ़ता है जब वह जंगल पहुंचता है उसे वही चींटी दिखती है वह उसे देखकर प्रसन्न होता है और अपने पिता का बात मानते हुए जंगल में मिले सबसे पहले प्राणी को पशु को लेकर जाता है। अब वहां सन्नाटा छाया हुआ था की एक चींटी और एक हाथी सत्य ही अब बड़े राजकुमार की जीत होगी परंतु अब राजा घोषणा करते हैं की जीत बड़ी राजकुमार की नहीं बल्कि छोटे राजकुमार की हुई है यह सुन पुरी प्रजा चिंतामय होने लगती है। तब प्रजा को शांत करते हुए राजा कहते हैं कि यह मेरी परीक्षा थी इनकी साहस को नहीं बल्कि ईमानदारी को देखने कि साहसी तो मेरे दोनों ही बेटे हैं परंतु ईमानदारी बहुत कीमती है। अब राजा कहते हैं की वह जंगल एक वीरान था , इन जानवरों को उन्होने ही एक-एक करके रखवाया था ,उनकी ईमानदारी को परखने के लिये, पहले एक चींटी फिर एक खरगोश फिर एक लोमड़ी और इसी तरह आखिर में एक हाथी।

मेरे प्यारे मित्रों मेरी प्यारी प्रजा यह एक सिख है हम सबके लिए की ईमानदारी हमेशा ताकत से बड़ी होती है।


© Riya