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नींद प्रसन्नता और राजयोग
*त्रिआयामी जीवन ऊर्जा का संतुलित स्वरूप - गहरी नींद, प्रसन्नता और राजयोग*

हम प्रकृति में हैं और प्रकृति हममें है। हम प्रकृति के महासागर में जी रहे हैं। हमारे चारों ओर अदृश्य प्राकृतिक ऊर्जा का महासागर निरंतर लहरा रहा है। हमारा जीवन प्रकृति से ओत प्रोत है। बहुत गहरे में समझने की बात यह है कि यदि हमारी प्राकृतिक ऊर्जा संतुलित है तो हम संतुलित हैं। यदि हम संतुलित हैं तो जीवन में प्रसन्नता की स्थिति स्वाभाविक बनती है। हमारी प्रसन्नता का हमारी तन और मन की संतुलित ऊर्जा से सीधा और गहरा संबंध है। इस संतुलित ऊर्जा का सीधा सम्बन्ध...