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मोहब्बत -आखिरी भाग
रोहन शिया के सामने मीना का बॉयफ्रेंड होने का नाटक करने लगाअब वो तीनों अक्सर बाहर मिलने लगे।कभी कॉफ़ी पीने तो कभी बर्थडे पार्टी आदि।शिया जब भी ऋषि से चलने को कहती वो बहाना बना देता।वो कहता अगर तुझे चलना है तो हम अकेले चलेंगे,मैं किसी और के साथ नही जाता।धीरे धीरे शिया ने उसे बुलाना कम कर दिया।अब उसे रोहन अच्छा लगने लगा था।अब उसे रोहन के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता था।पर वो जानती थी की रोहन मीना का है।इस लिए वो चुप थी।
एक दिन शिया और मीना कॉलज कैंटीन में बैठी थी ,तो उन्होंने पास बैठी दो लड़कियों की बात सुनी ,एक लड़की कह रही थी,"यार देख वो जो पिंक टॉप वाली लड़की है न ये ऋषि के पीछे पड़ी है इसी के कारण वो कैंटीन नही आया।"मीना को गुस्सा आया उसने कहा,"क्या कहा तुमने?ऋषि जैसे छत्तीस लड़के शिया के आगे पीछे घूमते हैं।और वो भी ऋषि से लाख गुना हैंडसम।"
वो लड़की बोली," ऋषि तो कह रहा था ,की ये ट्रिप के बाद से पीछे पड़ी है ,और पीछा छुड़ाना मुश्किल है।'
मीना ,"अगर ये बात है तो कह देना उस ऋषि से,की शिया का पहले ही बॉयफ्रेंड है और वो भी उससे कहीं ज्यादा स्मार्ट और हैंडसम।"
"अगर ऐसा है तो बुलाओ उसे हम भी तो देखें ।"लड़की ने chalenge किया।
मीना ने कहा,"ओके , मैं उसे बुलाती हूँ तुम ऋषि को बुलाओ आज फैसला हो जाये।" शिया कब से मीना को रोक रही थी, उसने कहा,"ये तुमने क्या किया?कहाँ से लायेगी बॉयफ्रेंड,बोलने दे ऋषि को जो बोलना है।"
मीना ने रोहन को फ़ोन कर के कॉलज बुलाया।
कुछ देर बाद ऋषि कैंटीन में आ गया पर रोहन नही आया था,ऋषि बोला,"ये दोनों झूठ बोल रही थी,शिया तो मेरे पीछे पागल है। कभी कहीं चलने को कहती है तो कभी कहीं।पर जाना इसने मीना को साथ लेकर होता है। अब झूठ बोल रही है कि बॉयफ्रेंड है।"
"हाँ ये पूछती थी ,पर अपने लिए नही मेरे लिए,पहले तुम मुझे पसंद थे पर अब नही ,ये बात इसे पता नही थी।"मीना ने सारी बात बदल दी।
"अगर ये बात है तो कहाँ है इसका बॉयफ्रेंड ,आया क्यों नही?"ऋषि ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा।
"किसने कहा कि मैं आया नही।ये तुम्हारे सामने तो हूँ।"रोहन ने आते ही कहा।
सब उसे देखने लगे। सच में ऋषि उसके सामने कुछ नही था।उसकी पर्सनालिटी ही ऐसी थी।रोहन ने आकर शिया को कहा,"डरती क्यों हो?मैं हूँ न तुम्हारे साथ।"
और वो उन दोनो को लेकर कैंटीन से बाहर आ गया।शिया ने रोहन से कहा,"थैंक्यू रोहन,और मीना मेरे कारण तुम दोनों को झूठ बोलना पड़ा।"
"किसने झूठ बोला और क्या झूठ बोला।" मीना ने पूछा।
"नही यार ये बहुत बड़ी बात है रोहन तुम्हारा बॉयफ्रेंड है पर उसने मेरे बॉयफ्रेंड होने का नाटक कर के मुझे ऋषि से बचाया।"शिया कह के रो पड़ी।
रोहन ने कहा,"आपसे किसने कहा कि मैं मीना का बॉयफ्रेंड हूँ।"
"हाँ शिया ,रोहन सिर्फ तुमसे प्यार करता है और मैं इसकी मदद कर रही थी ,तुम्हारे करीब लाने में।"मीना ने बताया।मीना ने उसे शुरू से अब तक की कहानी सुनाई।
ये सब सुन के शिया हैरान रह गयी। वो खुश थी ।उसने शर्मा कर रोहन की और देखा।रोहन मुश्कुरा दिया।शिया ने पूछा,"मगर ये कैसे हो सकता है कहते हैं इतिहास अपने आपको दोहराता है,उस जन्म में तो तुमने ऋषि को मार दिया था,और मैं तुमसे नफरत करती थी।"
"नहीं ऐसा नही है।मैंने उस महल की हिस्ट्री पढ़ी तो पता लगा की ऋषि उस जन्म में भी गलत इंसान ही था पर तुम्हें यकीन नही आया था इसलिए तुम्हारे पिताजी ने अमर से उसे मरवा दिया और अमर( यानि मैं )से तुम्हारी शादी करवा दी।शादी के बाद तुम्हे शक्ति की असलियत पता लग गयी थी।सो अंत में हमने खुशी से अपना जीवन जिया।"
"सच"इतना कह कर शिया रोहन के गले लग गयी।
"ह्म्म्म ,अरे हम भी यहाँ हैं।"मीना ने मजाक करते हुए कहा।तीनो हस पड़े।


the end......