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दहेज प्रथा या क्रूरता
मम्मी मम्मी जल्दी करो लेट हो जाएगा बच्चों को पढ़ाना भी है जरा सा 1 मिनट लेट हुआ स्कूल वाले पैसे काट लेंगे ,मां तुम्हारे इस एक पराठे के प्यार में मैं हर रोज लेट हो जाती हूं।
अच्छा चलो मैं चलती हूं कुछ लेना होगा तो बता देना फोन पे।
पापा की दवा है ना?
(मां पीछे से जोर की आवाज में) यह लड़की हर रोज लेट करती और मुझे बोलती है।
रोहन चल तू भी खाना खा ले ,मैंने खाना लगा दिया है और बाबा की दवाइयां भी दे दे।
(phone ) "सुन प्रीती शाम को आना तो कुछ मिठाईयां ले आना घर पर कल कुछ मेहमान आने वाले हैं ,"अच्छा ठीक है ,पर यह तो बताओ कौन आया रहा है!तू घर आ मैं बता दूंगी।
प्रीति_लो मां मिठाइयां आ गए अब तो बताओ कौन आ रहा किसके लिए इतनी जोर शोर से तैयारियां चल रही है!
मां_अच्छा बेटा तो कल तुम स्कूल मत जाना "क्यों मां ऐसा क्या है?
तुझे कल लड़के वाले देखने आ रहे हैं अब तेरी भी उम्र हो गई है ना!
"क्या मां तू भी फस गई नहीं चकरो में, अभी तो बहुत वक्त है मुझे कुछ अपने सपने पूरे करने हैं अभी रोहन पूरी पढ़ाई बाकी है कम से कम तीन-चार साल रुक जा रोहन भी थोड़ा बड़ा हो जाएगा।
मां_तो फिजूल की बातें ना बना और रोहन की चिंता ना कर, कल लड़के वाले आ रहे हैं और तुझे वह देखेंगे मैंने अब सोच लिया तेरी जल्दी से जल्दी शादी कर देंगे।
सुना है लड़का बहुत अच्छा है अच्छे कद का कठी है, पढ़ा लिखा है, और परिवार भी बहुत बड़ा और अच्छा है सभी लोग हैं तू वहा खुश रहेगी।
(शादी तय होने के बाद)
क्या हुआ प्रीति तेरे चेहरे पर यह मायूसी क्यों कुछ बात छुपा रही है क्या?
(प्रीति दहेज को लेके चिंतित है)
मां आप इतना सारा सामान कैसे लाओगे कहां से पैसे आएंगे हमें उन्हें मना कर देना चाहिए था कि हम असमर्थ हैं
मां_चुप कर पगली ऐसी कोई बोलता है क्या यह तो सभी का है ,बात रही पैसों की कहीं ना कहीं से तेरे बाबा इंतजाम कर ही लेंगे ,वह जो गांव वाली जमीन है ना _हम सोच रहे हैं उस पर लोन लेने या उसे बेच दें।
प्रीति_हरगिज़ नहीं मां वह हमारे पूर्वजों की निशानी है हम कैसे उसे हटा सकते हैं क्या बिना दहेज के शादी मेरी नहीं हो सकती।
मां_बेटा यह तो समाज की रीत है ,"पर मां इतना क्यों देना कि हम खुद बर्बाद हो जाएं और जो काबिल है उसको पैसे की क्या जरूरत है गाड़ी की क्या जरूरत? सोने की क्या जरूरत? जैसे मैं मेहनत करती हूं वैसे सब कोइ कर सकता है न?
मां_अच्छा एक बात बता तेरे भाई में भी तो दहेज मिलेगा तूझे? "नहीं मां मेरा भाई दहेज नहीं लेगा, वह अपनी मेहनत पर सब बना लेगा किसी के दिए हुए पैसों का वह नहीं पलने वाला।
(एक फोन कॉल _कुछ डिमांड के साथ)
पर इस बार फोन प्रीति के हाथों लग जाता है और प्रीति ऐसे सभ्य खानदान वाले लोगों को इस दहेज प्रथा के नाम पर क्रूरता करने पर उन्हें खरी खोटी सुनाती है और शादी ना करने की बात कहकर फोन काट देती है।
मां-सिर पर हाथ रखकर रोने लगती है
प्रीति_मां ऐसे लोग नीच होते हैं ऐसी जगह हमें रिश्ता नहीं करना जो धर्म और एक प्रथा के नाम पर क्रूरता दिखाते हो ऐसे लोगों का क्या पता आगे फिर हमसे और मांगे फिर मेरा क्या होगा मां!
# प्रीति ने अपनी जान बचाई अब आपकी बारी।
© 3gnp
@merikalam75