दुखद कहानी एक प्रसन्न राज्य की । part 1
एक अतिशय पुराना महल , गांव के बीचों बीच जंगल के बीच स्थित था । वहां कोई आता जाता नहीं था । आधी रात को अजीब सी आवाजें सुनाई देती थी । पर आज तक किसी ने भी वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटाई। लोग डरते थे कही कुछ हो न जाएं । पर किसीको उस महल के राज़ के बारे मै नहीं पता था ।
कई सालो पहले की बात है , क़रीब दोसो साल पहले की । जब राजा महाराजाओं का राज़ हुआ करता था ।
एक बड़ा ही सुखी राज्य था । राजा और प्रजा दोनों ही सुखी थे । और क्यों ना हो राज्य का नाम ही प्रसन्न पूरा था । राजा का नाम प्रकाश था। और अपने नाम की भांति अपने राज्य में सूख की प्रकाश किरणों को बनाए रखे थे ।
हर कोई आपस में मिलजुल कर रहते थे । एक दूसरे कि सहायता करते थे ।
राजा का सम्मान करते थे । और राजा भी बड़े दयालु थे ।
राजा के तीन पुत्र थे । सबसे बड़ा पुत्र पिता की ही भांति दयालु और भोला था । पिता की आज्ञा ही सबकुछ थी उसके लिए । दूसरा पुत्र बलवान और चतुर था । धनुष विद्या...
कई सालो पहले की बात है , क़रीब दोसो साल पहले की । जब राजा महाराजाओं का राज़ हुआ करता था ।
एक बड़ा ही सुखी राज्य था । राजा और प्रजा दोनों ही सुखी थे । और क्यों ना हो राज्य का नाम ही प्रसन्न पूरा था । राजा का नाम प्रकाश था। और अपने नाम की भांति अपने राज्य में सूख की प्रकाश किरणों को बनाए रखे थे ।
हर कोई आपस में मिलजुल कर रहते थे । एक दूसरे कि सहायता करते थे ।
राजा का सम्मान करते थे । और राजा भी बड़े दयालु थे ।
राजा के तीन पुत्र थे । सबसे बड़ा पुत्र पिता की ही भांति दयालु और भोला था । पिता की आज्ञा ही सबकुछ थी उसके लिए । दूसरा पुत्र बलवान और चतुर था । धनुष विद्या...