कोशिश करने वालो कि कभी हार नही होती...
हमने फ़ुटपाथ पर बैठे, पेड़ के नीचे कुर्सी लगाए नाई को कई बार देखा है. कड़ी धूप में मेहनत करते उन लोगों की ज़िन्दगी, रोज़मर्रा की जद्दोजहद का अंदाज़ा लगा सकते हैं. कुछ ऐसी ही ज़िन्दगी थी रमेश बाबू की. लेकिन, रमेश बाबू को अपनी ज़िन्दगी मंज़ूर नहीं थी।
उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की, धैर्य का साथ नहीं छोड़ा और आज वो भारत के 'करोड़पति नाई' के नाम से जाने जाते हैं।
रमेश बाबू लोगों के बाल काटते हैं, नाई हैं. इसके साथ ही वे BMW, Rolls Royce, Jaguar समेत 400 लक्ज़री गाड़ियों के मालिक भी हैं. यक़ीन करना मुश्किल है न, आइए पढ़ते हैं रमेश बाबू की कहानी।
रमेश बाबू के पिता, पी. गोपाल बेंगलुरू में नाई थे, जब रमेश सिर्फ़ 7 साल के थे तब उनके पिता चल बसे. Bridged Road, बेंगलुरू में सिर्फ़ एक दुकान छोड़कर गोपाल अपनी पत्नी तीन बच्चों को छोड़कर चले...
उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की, धैर्य का साथ नहीं छोड़ा और आज वो भारत के 'करोड़पति नाई' के नाम से जाने जाते हैं।
रमेश बाबू लोगों के बाल काटते हैं, नाई हैं. इसके साथ ही वे BMW, Rolls Royce, Jaguar समेत 400 लक्ज़री गाड़ियों के मालिक भी हैं. यक़ीन करना मुश्किल है न, आइए पढ़ते हैं रमेश बाबू की कहानी।
रमेश बाबू के पिता, पी. गोपाल बेंगलुरू में नाई थे, जब रमेश सिर्फ़ 7 साल के थे तब उनके पिता चल बसे. Bridged Road, बेंगलुरू में सिर्फ़ एक दुकान छोड़कर गोपाल अपनी पत्नी तीन बच्चों को छोड़कर चले...