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पायल या घुंगरू
पायल या घुंगरू किसे चुनोगी तुम?
अरे बाबा रुको तो, जरा सब्र करो
माना यह अटपटा सवाल है
पर सोच समझ कर बताना, तुम्हारा जवाब सठीक होना चाहिए।
क्यों क्या सोच रही है -पड़ गई ना असमंजस पायल चुनू या घुंघरू,
वैसे एक बात बताओ इतना सोच क्यों रही ?
इसमें कोई सोचने की भी बात है क्या? सवाल मैंने छोटी से भी किया था उसने तो तपाक जवाब मे पायल बोल दिया। बच्ची है वह तो उसे क्या पता पायल और घुंघरू के फर्क अभी वह कहां समझेगी।
उसे क्या पता पायल जहां से भेड़ियों की तरह जकड़ लेगा ,आंगन की चारदीवारी में सीमित कर देगा। वही घुंघरू पहन कर यदि आंगन के चौखट के बाहर उसके कदम पड़े तो उसको एक नए स्वरनाम से जाना जाएग
मानो उसने कौन सा ऐसा पाप कर दिया हो जो ऐसी उपाधियों से उसे पुकारा जाएगा।
पर मैं ही भोला भाला निकला 1 दिन छोटी ने पूछ लिया भैया आपने यह सवाल मुझसे क्यों किया?
मैं उसके सवालों को टालने लगा पर वह अडिग रही है अपने सवालों पर और मुझसे जवाब लेकर ही मानी।
मैंने उसे समाज के द्वारा गठित पायल-घुंघरु के बीच का अंतर बताया तो उसने फिर से एक सवाल दाग दिया?
इसमें पायलिया या घुंघरू की क्या गलती है। दोनों के अपने-अपने एक स्थान हैं उस स्थान पर दोनों उत्तम हैं। दोनों की अपने महत्वता हैं जो काम पायल का है वह घुंघरू नहीं कर सकती जो काम घुंघरू करती है वह पायल नहीं कर सकती। नृत्य कला में घुंगरू का एक अपना स्थान है वही पायल का अपना दैनिक जीवन और विवाहित जीवन में अपना का स्थान है ।इससे औरत के चरित्र का क्या वास्ता? उसके सवाल से मेरे माथे पर पसीना आ गया अर्थात कि मैं उसकी सोच और नजरिए से वाकीफ अभी नहीं था।
उसके इतने सारे सवालों से मुझे एक जवाब मिला समाज ने अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए किसी का आड़ ले सकता है, और खुद की बदनामी होने से बचने के लिए किसी को इस संसार में बदनाम कर सकता है पर वही ऐसी नीच भावना और सोच पर मुझे शर्म आती है और तरस भी जहां इतनी छोटी बच्ची सब समझ सकती है तो फिर यह समाज क्यों नहीं समझता? ऐसे मानसिक बीमारी से संक्रमित लोगों का कोई इलाज नहीं।
© 3gnp
@merikalam75 (insta I'd)