...

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भूल ना जाये कहीं
हम आज तक वहीं
जज़्बात लिए बैठे हैं
भूल ना जाएं कहीं,
इसीलिए वही बात लिए बैठे है
रख कर हाथ मेरा अपने हाथ में
जिसने सहारे की उम्मीद दी थी
आज वो अपने हाथों में
किसी और कि सौगात लिए बैठे है

© Sayyed Waseem