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स्वरचित श्री राधा चालीसा...🌹🌹✍️
दोहा :-

हे वृंदावन की वासिनि ,मैं ध्याऊं बारम्बार
वात्सल्य की सिन्धु तुम, कृपा करौ अपार
श्री चरणों का आसरा, कहां जाऊं सरकार
हे वृषभानु की लाडली,निक मेरी ओर निहार

जय जय जय वृषभानु दुलारी
जय जय जय कीरति की प्यारी
मिटय क्लेश कटय भव बाधा
जो सुमरै राधा श्री राधा
जो ...