दो दिलों का प्यार ( भाग-2 )
अंजलि जोकि सेमिनार में अपने दोस्तों के साथ बैठी थी, जैसे ही उसे प्रेम सर के बारे में पता चला उसने बिना देरी किये अपनी जगह से उठकर एकदम पीछे वाली जगह पर बैठ जाती है। हालाँकि अंजलि पीछे तो बैठ जाती है, पर फिर भी वो अपना चेहरा अपने बालों से छुपा रही थी, ताकि प्रेम न देख ले..... और ऐसा हो भी क्यों न, अंजलि जोकि जाने बगेर प्रेम सर के सामने बैठकर उनके बारे में क्या-क्या नही बोल रही थी। हेमा अंजलि को पीछे वाली सीट पर बैठा देख वो बिना देरी किये उसके पास जाती है और फिर कहती है, अंजलि तुम यहाँ क्यों बैठी हो? अंजलि एकदम चुप-चाप बैठ सिर्फ प्रेम सर को देखी जा रही थी। ताकि प्रेम की नज़र अंजलि पर न पड़े। लेकिन...