एक एक कदम ओशो के विचारों से प्रेरित।
ओशो के विचारों और लेख से प्रभावित।
एक एक कदम, क्रांति की ओर अग्रसर!
अच्छा आदमी हार गया, अच्छा आदमी जीत नहीँ सका।
अच्छा आदमी आगे भी जीत नहीँ सकेगा।
अच्छे आदमी को भी संगठित होना जरूरी है।
बुराई की ताकतें इकट्ठी हैँ। उन ताकतों के खिलाफ,
उतनी ही बडी ताकतें खडा करना आवश्यक है।
में ओशो का संस्यासी तो नहीं,
लेकिन उनके विचारों से जरूर प्रभावित हूं।
कई ज्ञानी व्यक्तियों के साथ ज्ञान का सत्संग किया,
किंतु जागृत होने के लिए, स्वयं ही प्रयास करना होगा।
भीतर की यात्रा करना अनिवार्य हैं। (करें कैसे?)
आध्यात्मिकता, तो सभी के भीतर मौजूद हैं।
पर सामाज के खोखले रीति रिवाजों और
नीतियों की कई जमा पर्तो को उखाड़ फेंकना होगा।
अपने भीतर जमी धूल को पूरी तरह साफ़ करना होगा।
- मयूर गोविंद शर्मा
एम.एस वैदिक आध्यात्मिकता
© Mayur Sharma
एक एक कदम, क्रांति की ओर अग्रसर!
अच्छा आदमी हार गया, अच्छा आदमी जीत नहीँ सका।
अच्छा आदमी आगे भी जीत नहीँ सकेगा।
अच्छे आदमी को भी संगठित होना जरूरी है।
बुराई की ताकतें इकट्ठी हैँ। उन ताकतों के खिलाफ,
उतनी ही बडी ताकतें खडा करना आवश्यक है।
में ओशो का संस्यासी तो नहीं,
लेकिन उनके विचारों से जरूर प्रभावित हूं।
कई ज्ञानी व्यक्तियों के साथ ज्ञान का सत्संग किया,
किंतु जागृत होने के लिए, स्वयं ही प्रयास करना होगा।
भीतर की यात्रा करना अनिवार्य हैं। (करें कैसे?)
आध्यात्मिकता, तो सभी के भीतर मौजूद हैं।
पर सामाज के खोखले रीति रिवाजों और
नीतियों की कई जमा पर्तो को उखाड़ फेंकना होगा।
अपने भीतर जमी धूल को पूरी तरह साफ़ करना होगा।
- मयूर गोविंद शर्मा
एम.एस वैदिक आध्यात्मिकता
© Mayur Sharma