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" देश की धरोहर "
एक दिन जवाहरलाल नेहरू को मिलने के लिए एक महिला आयी और उनको एक नोटबुक और एक थैली दे गयी। नेहरू ने वह थैली खोली तो उसमें ३५ लाख रुपये थे और उस नोटबुक में रुपयों का पूरा हिसाब था।

वह रकम कांग्रेस संस्था की पूँजी थी। इसका हिसाब उस महिला के पिता करते थे। उनके पिता की मृत्यु के पश्चात एक भी रुपया अपने पास रखे बिना उस महिला ने वह रकम नेहरू को दे दी थी और वह अपने घर चली गयी थी।

आजीवन अकिंचन व्रत का पालन करना, हमेशा रेल के सामान्य वर्ग की श्रेणी के डिब्बों में सफर करना, और अपने हाथों से बने हुये वस्त्र पहनने वाली वह महिला कौन थी ?

वह महिला थी - स्वतंत्रता के बाद लम्बे समय तक विस्मृत हुई -भारत के महान नेता सरदार वल्लभभाई पटेल की पुत्री -"मणिबहन "

आजादी के यह अमर प्रतीक हैं। इन्होंने देश की निःस्वार्थ सेवा की है। यह हमारे देश का अमूल्य गहना हैं।