इश्क़ एक गुनाह है
PART1.
कशिश मैं तुमसे बेपनाह मोहब्बत करने लगा हूॅं मोहब्बत ही नहीं बल्कि इश्क़ करने लगा हूॅं मुझे नहीं मालूम ये जज़्बात मेरे अन्दर तुम्हारे लिए कब जागे? अब बस इतना समझ लो कि तुम मेरी रुह में समा गई हो हर लम्हा बस तुम्हारा ख़्याल मेरे दिल दिमाग में रहता है।
साहिल की गंभीर आवाज़ और प्यार भरा लहज़ा पूरे कमरे...
कशिश मैं तुमसे बेपनाह मोहब्बत करने लगा हूॅं मोहब्बत ही नहीं बल्कि इश्क़ करने लगा हूॅं मुझे नहीं मालूम ये जज़्बात मेरे अन्दर तुम्हारे लिए कब जागे? अब बस इतना समझ लो कि तुम मेरी रुह में समा गई हो हर लम्हा बस तुम्हारा ख़्याल मेरे दिल दिमाग में रहता है।
साहिल की गंभीर आवाज़ और प्यार भरा लहज़ा पूरे कमरे...