दिल के अल्फाज
जानती हो..
हर रोज़ इंतज़ार करता हूं तुम्हारा..ठीक उसी तरह जैसे कोई मचला हुआ बच्चा अपने खिलौने का बेसब्री से इंतज़ार करता है...तुम महसूस कर सकती हो उसकी बेसब्री को???
हां मैं ये भी जानता हूं कि ये इंतज़ार बहुत लंबा चलेगा शायद तब तक ये दरख्त सूख जाएंगे , पहाड़...
हर रोज़ इंतज़ार करता हूं तुम्हारा..ठीक उसी तरह जैसे कोई मचला हुआ बच्चा अपने खिलौने का बेसब्री से इंतज़ार करता है...तुम महसूस कर सकती हो उसकी बेसब्री को???
हां मैं ये भी जानता हूं कि ये इंतज़ार बहुत लंबा चलेगा शायद तब तक ये दरख्त सूख जाएंगे , पहाड़...