सिक्के की आत्मकथा
मैं धातु का एक छोटा सा टुकड़ा हूं। आप लोग मुझे सिक्के के नाम से जानते हैं। मैं यह भलीभांति जानता हूं कि आप सब मुझे बहुत अधिक प्यार करते हैं और एक पल के लिए भी मुझे अपने से दूर करना नहीं बाहते है। साथ ही में यह भी जानता हूं कि आप जितना अधिक प्यार मुझे करते है उतना ही कम मेरे बारे में जानते हैं। चलिए आज मैं आप सभी को अपने जन्म विकास एवं बदलते रूपों की...