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रिश्ते
किसी रिश्ते को बनाने में बरसो लग जाते हैं और उसे बनाये रखने में जिंदगी लग जाती है, मगर कभी-कभी मुह से निकले दो शब्द इतने बड़े हो जाते हैं कि उनके आगे जिंदगी भर की मेहनत का कोई मोल नहीं रह जाता, दो लफ्ज कह कर ही तोड़ जाते हैं लोग...खैर दिल के रिश्ते तो नहीं टूटते चाहे वो एक तरफ ही क्यों ना हो, बस रिश्तों में इमानदारी होनी चाहिए...तोड़ने वाले को मुबारक और जो ता उमरा निभा जाए अपने रिश्तों को... .आज कल मिलना मुश्किल है। इस दुनिया मे बहुत से रिश्ते होते हैं जो हम सभी एक दूसरे से बनाते है मगर निभाने की बारी आती है तो हममे से कई पीछे हट जाते हैं , बगैर ये सोचे की अगले भी इस रिश्ते से कुछ उम्मीद रखते है। कोई रिश्ता बिना किसी उम्मीद के कायम रह ही नहीं सकता। ये जानते हुए भी उम्मीदे तोड़ दी जाती है और बरसों के बनाये रिश्ते पलक झपकते ही टूट जाते है। वैसे आवाज तो कुछ खास नहीं बल्कि आवाज तो आती ही नहीं क्यूँ कि टूटती उम्मीदे और टूटते रिश्ते शोर नहीं मचाती। हालाकि इन्हीं कुछ रिश्तों के सहारे सफर मौत का आसान हो जाता है , जो कि मंजिल तक पहुंचने में पूरी राह हाथ थाम कर साथ देते है।