...

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उम्रभर
ये बात उन दिनों की है जब हम हर रोज की

तरह उस दिन भी अपने कॉलेज आये,

और हमने अपनी - अपनी क्लास की,

मैं अपने कॉलेज की एक लड़की को पसंद

करता था जिसका नाम "विभा" था।

शायद ये बात उसे भी पता था ,

फिर हर रोज की तरह क्लास खत्म होने के

बाद हम अपने घर जाने के लिए तैयार थे

मेरा घर तो उधर था ही नही जहां से विभा

आती थी ,पर न जाने क्यूँ आज मेरे दिल ने

कहा कि मुझे भी उसके साथ जाना चाहिए ,

तो जैसे ही कॉलेज की छुट्टी हुई तो मैंने देखा

कि वो कॉलेज से निकल चुकी है उसे जाते

मैंने देख लिया था,फिर मैं भी कॉलेज में

छुट्टी की उपस्थिती लगाई और उसके पीछे

चल दिया ,रास्ते में मुझे एक लड़का मिला

जिसे मैं जानता था और उसका घर भी उसी

रास्ते में पड़ता था तो उसे मैंने अपने साथ

ले लिया ताकि मैं गुप चुप न रहूं,

विभा के चलने की स्पीड थोड़ी तेज थी तो

हम भी उसी के साथ आगे बढ़ने लगे , उसके

घर जाते समय रास्ते में एक छोटा सा बाजार

पड़ता था जिसे हमने पार कर लिया उसके

बाद रास्ता काफी सून शान सा था,वो मुझसे

कुछ दूर आगे ही चल रही थी शायद उसे

पता नही था कि मैं भी उसके पीछे आ रहा

हूं ,मेरी कभी उससे कोई बात नही हुई थी

इसलिए मैं उससे बात करने में डरता था।

जब हम सून शान रास्ते पे काफी दूर चल

लिए थे तो उसके मोबाइल पे उसके दोस्त

का फ़ोन आया ,तब शायद मैं उसके बगल से

उससे आगे निकल रहा था, जब उसने मुझे

देखा तो मोबाइल को स्पीकर पे डाल दिया

और बात करने लगी उसकी दोस्त "नेहा" ने

कहा - यार मेरा एग्जाम है और मुझे मेरे भाई

के हॉस्टल में रुकना पड़ेगा पर वहां मैं कैसे

रहूंगी, तो विभा ने ये कहते हुए समझाया कि

एक ही दिन की तो बात है ,देख रुक जा और

पेपर दे दे परेशान मत हो। तब तक मैं थोड़ा

आगे निकल चुका था और आगे जा कर

विभा का इंतजार करने लगा ,जैसे ही विभा

थोड़ा पास आई तो मैंने बोला कि मुझे नही

समझ आता है कि जब कोई नही रुकना

चाहता तो उसे क्यूँ रुकने को बोल रही

हो ,बिभा ने कहा बस एक दिन की ही तो

बात है,और फिर उसका भाई है तो साथ वो

खामखा परेशान हो रही है इन्हीं सब बातों के

साथ हम दोनों की भी बात होनी शुरू हो

गई ,हम आगे पीछे चल रहे थे क्यूंकि हम

खेतों के रास्ते से होकर हम जा रहे थे और

खेतों के रास्ते बहुत पतले होते हैं,, विभा ने

पूछा कि आज तुम यहाँ कैसे ,और कहां जा

रहे हो। मैंने मुस्कुराते हुए बोला तुम्हारी

हिफाजत कर रहा हूं तो उसने हँसते हुए

बोला ओह मेरी हिफाजत ,क्यूँ परेशान होते

हो मैं अपनी हिफाजत खुद कर लूँगी,मैंने

कहा ये तो अच्छी बात है न,यही सब बात हो

ही रही थी कि, उसी रास्ते से 2 लड़के आ रहे

थे ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्हें आने की

खबर पहले से हो वो देखने से ही अजीब लग

रहे थे शायद मुझे उनका इरादा गलत लग

रहा था,वो हमसे काफी दूरी पे थे।

तब तक विभा मेरे आगे चल रही थी,

पर जैसे ही विभा ने उन लड़कों को देखा वो

वहीं रुक गई और मुझसे बोली कि चलो

किसी और रास्ते से चलते हैं, क्यूंकि मुझे

लगता है की इधर से जाना ठीक नही होगा

और ये कहते हुए उसका शरीर पूरा कंपन

कर रहा था ,शायद वो बहुत डर गई थी

मैंने हसते हुये बोला तुम्हें तो डर नही लगता

है ,फिर ये क्या है कि तुम किसी और रास्ते से

जाने की बात कर रही हो जबकि ये सबसे

नजदीक रास्ता है तुम्हारे घर जाने का

उसने कहा हां नही लगता है डर पर कभी

ऐसे हालात आये ही नही थे ,और हम ये बात

करते करते उन लोगो के करीब पहुंच चुके

थे ,शायद विभा बहुत डर गई थी ,अचानक

विभा मेरे पीछे आती है और मुझे पीछे से

कस के पकड़ लेती है, ये बोलते हुए की avii

मेरी हिफाजत करना तुम्हारी जिम्मेदारी

है,मुझे बहुत डर लग रहा है।उसका ये डर

काआलिंगन मुझे बहुत मजबूत बना दिया

और इतने में एक ज़ोर की आवाज आती है

विभा ने अपनी आँखे बंद कर ली और मुझे

ज़ोर से पकड़ लिया। ,मैंने बोला विभा सब

ठीक है तुम आँखे खोलो अब,पर शायद

नही ,वो कुछ ज्यादा ही डर गई थी उसकी

आंखें नम थी ,और मुझे उसकी नम आँखे

बिल्कुल पसंद नही मैंने उसे हसाने के लिए

उससे पूछा कि अगर मैं आज यहाँ न होता

तो,ये बात सुनकर भी वो चुप थी शायद

उसकी आँखों मे आंसू थे मैंने उसे अपनी

बाहों में भर लिया और बोला तुम पूरी पागल

हो। तुम रोना बंद करो अब और घर चलो,

पर वो डर की वजह से अभी भी अपनी

आँखें खोलने को तैयार नही थी पर मैं उसे

यकीन दिलाया कि मैं तुम्हारे साथ हूं ,और

जब उसने अपनी आँखे खोली तो अचंभित

सी हो गई उन दोनों लड़को की हालत खराब

थी उसने पूछा तुमने ये कैसे और कब कर

दिया ,मैंने विभा से कहा तुम्हें छूना तो दूर

तुम्हें मेरे अलावा कोई सोचे भी तो उसकी

जान जा सकती है बिना उसे पता चले,ये सुन

कर उसने मुझे ज़ोर से अपने तरफ खीचा

और बोली अरे पागल तुम मुझे इतना पसंद

करते हो तो बताया क्यूँ नही आज तक ,मैंने

उसके माथे को चूमते हुए कहा कि विभा

मैंने कहा था कि सही समय पे सब पता चल

जाएगा,फिर हम दोनों घर के लिए चल दिये,

उसके घर के दरवाजे तक उसे छोड़कर मैं

जैसे ही मुड़ा की उसने मुझे पीछे से आवाज

दिया कि सुनो न.. क्या तुम मेरी हिफाजत

हमेशा ऐसे ही करोगे ये कहते हुए उसने मुझे

अपने गले लगा लिया,और मैंने उसके माथे

को चूमते हुए कहा कि - हां उम्रभर।