बरसात की शाम
सर्दियों की वो ठिठुरती शाम, ठंड के मारे बुरा हाल था। मैं अपने बच्चों के साथ किसी रिश्तेदार की शादी में जा रहीं थी। हम लोग शाम शादी में शामिल होने निकले ही थे कि यकायक काले बादाम घिर के आए और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। ठंड पहले ही थी, बारिश से और भी महसूस होने लगी। वैसे तो हम अपनी कार में थे पर बारिश की तेज़ी को देखकर अनुमान लगाया जा सकता था कि बाहर ठंड का क्या हाल होगा। एक तो बारिश ऊपर से ट्रैफिक जाम। जगह जगह पानी भरने की वज़ह से सारा ट्रैफिक मानो रुक सा गया था। ...