अपने गुस्से को काबू करो!
एक गुरुकुल में नित्य ध्यान (Meditate) करने का नियम था, साधना करने के बाद अपनी प्रगति अपने गुरु को बतानी पड़ती थी। एक नए लड़के को ध्यान करने में बहुत मुश्किल हो रही थी। ध्यान के दौरान वह एकाग्र नहीं हो पा रहे थे।
इस वजह से वह काफी नाराज था। उसके गुरु ने उससे पूछा, “आखिर किस बात से नाराज हो?” लड़के ने कहा, मैं जब भी साधना करता हूँ, कभी-कभी कोई बात करने आ जाता है, कभी-कभी कोई बिल्ली या अन्य जानवर आ जाता है।
गुरु ने लड़के से कहा कि तुम अपने आस-पास की हर चीज पर गुस्सा हो रहे हो। जबकि ध्यान का वास्तविक उद्देश्य गुस्से से बचना है। आपको अपने आस-पास के लोगों, जानवरों और चीजों से परेशान हुए बिना ध्यान करने का तरीका खोजना होगा।
फिर वह लड़का गुरुकुल के बाहर एक शांत जगह की तलाश में निकल पड़ा। उसने एक बहुत ही शांत नदी का किनारा देखा। वह वहीं अपनी चादर बिछाकर साधना (Meditate) करने लगा।
जैसे ही उसने अपनी आँखें बंद कीं, उसे हवा के चलने की आवाज़ सुनाई दी। तो वह नाराज हो गया। फिर जब पेड़ के पत्तों की आवाज आई तो उसे गुस्सा आ गया। जब भी चिड़ियों की आवाज आती तो वह उस पर गुस्सा करने लगता।
उसने सोचा कि नदी के तट पर बड़ी अशांति है, क्यों न मैं नदी के बीच में जाकर...
इस वजह से वह काफी नाराज था। उसके गुरु ने उससे पूछा, “आखिर किस बात से नाराज हो?” लड़के ने कहा, मैं जब भी साधना करता हूँ, कभी-कभी कोई बात करने आ जाता है, कभी-कभी कोई बिल्ली या अन्य जानवर आ जाता है।
गुरु ने लड़के से कहा कि तुम अपने आस-पास की हर चीज पर गुस्सा हो रहे हो। जबकि ध्यान का वास्तविक उद्देश्य गुस्से से बचना है। आपको अपने आस-पास के लोगों, जानवरों और चीजों से परेशान हुए बिना ध्यान करने का तरीका खोजना होगा।
फिर वह लड़का गुरुकुल के बाहर एक शांत जगह की तलाश में निकल पड़ा। उसने एक बहुत ही शांत नदी का किनारा देखा। वह वहीं अपनी चादर बिछाकर साधना (Meditate) करने लगा।
जैसे ही उसने अपनी आँखें बंद कीं, उसे हवा के चलने की आवाज़ सुनाई दी। तो वह नाराज हो गया। फिर जब पेड़ के पत्तों की आवाज आई तो उसे गुस्सा आ गया। जब भी चिड़ियों की आवाज आती तो वह उस पर गुस्सा करने लगता।
उसने सोचा कि नदी के तट पर बड़ी अशांति है, क्यों न मैं नदी के बीच में जाकर...