आधुनिकता बेशक आज है मगर अनुभव भी सफलता का सरताज़ है
यह रचना मेरे व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है।
मैने अक्सर देखा है हम बड़े तो बहुत ही जल्दी हो जाते हैं यह सिर्फ़ हमारा ही वहम होता है।
यहां तक कि तवज्जो भी उतनी मिल जाती है जितनी की आवश्यकता नहीं होती। यह सब हमारे उत्साहवर्धन हेतु होता है लेकिन हम इस अभिक्रिया को अहम मतलब अहंकार...
मैने अक्सर देखा है हम बड़े तो बहुत ही जल्दी हो जाते हैं यह सिर्फ़ हमारा ही वहम होता है।
यहां तक कि तवज्जो भी उतनी मिल जाती है जितनी की आवश्यकता नहीं होती। यह सब हमारे उत्साहवर्धन हेतु होता है लेकिन हम इस अभिक्रिया को अहम मतलब अहंकार...