सोच बदलो, नजरिया बदल जाता है।
एक घटना जिसने मेरे सोचने के तरीके को बदल दिया। एक बार मैं ऑटो में अकेली सफर कर रही थी, तभी अचानक दो व्यक्ति जिनके चेहरे पर दाढ़ी बढ़ी हुई थी। लंबे -लंबे बालों से असभ्य प्राणी मालूम होते थे। कटी -फटी पेंट जिसे आम भाषा में फैशन कहते है और हाथों में कड़े पहने हुए थे।
जाहिर है कि इस तरह के हुलिए को देखकर हर कोई सहम जाए और एक लड़की तो जरूर जब वो अकेली सफर कर रही हो।
उनके उस हुलिए को देखकर मेरे मन में न जाने क्या -क्या शब्द उमड़ रहे थे। जानवर जैसे लोग, अदब नहीं है..... वगैरह। मैं मौन थी आज की दुनिया का...
जाहिर है कि इस तरह के हुलिए को देखकर हर कोई सहम जाए और एक लड़की तो जरूर जब वो अकेली सफर कर रही हो।
उनके उस हुलिए को देखकर मेरे मन में न जाने क्या -क्या शब्द उमड़ रहे थे। जानवर जैसे लोग, अदब नहीं है..... वगैरह। मैं मौन थी आज की दुनिया का...