हैलो
हैलो !
मैं बोल रही हूं, मेरी शादी फिक्स कर दी है। मां ने बोला है ,कि तुझे कोई ओर पसंद है तो उसको ला ।मैं उससे तेरी शादी करवा दूंगी।
दूसरी तरफ से आवाज आती है, मैं इतनी बड़ी जिम्मेदारी नहीं ले सकता। मैं नहीं आ सकता।
तो मैं क्या करूं ?
आप शादी कर लो।
क्या?
और इतनी बात होने के बाद वो आंखों में आये आंसुओं को साफ करते हुए, STD से बाहर आ जाती है,उदास नजरों से धीरे-धीरे अपने घर की तरफ जहां से वो अपनी मां से लड़कर आयीं थी।उस लड़के के लिए जो अभी उसे बीच राह में छोड़ चुका था। घर जा के वो कैसे अपनी मां से नज़र मिलायेंगी,जिसको अभी बोल के गई थी,कि वो लड़का उसके लिए सबसे लड़ सकता है।
और न चाहते हुए भी उस को किसी और के घर की शोभा बनना पड़ा, इसके जिम्मेदार कौन है,वो लड़का या वो लड़की या घर वाले।🙏🙏🙏
© Anu
मैं बोल रही हूं, मेरी शादी फिक्स कर दी है। मां ने बोला है ,कि तुझे कोई ओर पसंद है तो उसको ला ।मैं उससे तेरी शादी करवा दूंगी।
दूसरी तरफ से आवाज आती है, मैं इतनी बड़ी जिम्मेदारी नहीं ले सकता। मैं नहीं आ सकता।
तो मैं क्या करूं ?
आप शादी कर लो।
क्या?
और इतनी बात होने के बाद वो आंखों में आये आंसुओं को साफ करते हुए, STD से बाहर आ जाती है,उदास नजरों से धीरे-धीरे अपने घर की तरफ जहां से वो अपनी मां से लड़कर आयीं थी।उस लड़के के लिए जो अभी उसे बीच राह में छोड़ चुका था। घर जा के वो कैसे अपनी मां से नज़र मिलायेंगी,जिसको अभी बोल के गई थी,कि वो लड़का उसके लिए सबसे लड़ सकता है।
और न चाहते हुए भी उस को किसी और के घर की शोभा बनना पड़ा, इसके जिम्मेदार कौन है,वो लड़का या वो लड़की या घर वाले।🙏🙏🙏
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