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सुकून
सुकून ......... क्या है दो पल का सुकून ? कहाँ मिलता है ? कहाँ रहता है ? कब आता है ? और कब जाता है ? हम इसे ढूंढ़ने के लिए क्यों इधर उधर भटकते है, जबकि हम सब को पता है की यह हमारे अंदर ही है।

लाइफ को हम सब ने race बना रखा , जब देखो हम किसी न किसी चीज़ के पीछे भागते रहते है ,इतना बिजी हो गए की जीना भूल गए और भागना सीख गए। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही था। २२ साल मैंने भी नौकरी की एंड fortunately ,मैं एक टीचर थी। अब टीचिंग जॉब भी बहुत चल्लेंजिंग हो गयी है। पहले था 8 से २, पर अब 8 से जब तक स्कूल मैनेजमेंट चाहे 😁।

भागती दौड़ती ज़िन्दगी में मैं...