...

13 views

"डरावनी दस्तक 2"
जब बात भूत की हुई, 👻 तब पसीना मेरा भी छूट गया। तुम हस्ते क्या हो, अंधेरी रात में सालों से बंद पड़ी खण्डहर में अकेले जाकर तो देखो। 😱
हैलो दोस्तो, कैसे हो? 🤔 उम्मीद है आप सब बढ़िया होंगे। तो दोस्तो "डरावनी दस्तक भाग 2" में आप सभी का स्वागत है। जैसा कि आपको पता है हम चारो दोस्त दौड़ कर कुआं पार कर रहे थे, कि अचानक सामने से दो काली बिल्लियां 😾 हमारी तरफ गुर्राते हुए आने लगी। मैंने पत्थर उठा कर मारा तो बिल्लियां चली गई और हम फिर भागने लगे, तभी कुछ चमगादड़ बरगद के पेड़ से उड़ने लगे, शायद हम लोगों की भागने की आवाज सुन कर। 👀

किसी तरह भागते- भागते, चिल्लाने हुए, डरते हुए, ☠️ और हांफते- हांफते कुए को किसी तरह पार किया, लेकिन तकलीफ तो अभी भी बाकी थी। क्यूंकि वापस भी तो यहीं से जाना था, 👹 डरे तो सभी थे, फिर भी सब एक दूसरे का मज़ाक उड़ा रहे थे। कुछ दूरी ओर चलने के बाद आखिरकार उनका घर आ गया, घर से सभी ने कपड़े ले लिए, उनके घर मे बड़े बुजुर्ग ही थे क्यूंकि बाकी लोग तो मेरे घर पर थे। 😇

हम वापस लौटने लगे तभी, दादाजी बोलने लगे कि सुबह चले जाना। लेकिन हम कहा मानने वाले थे, तब एक बार फिर दादा ने कुए की कहानी सुना कर डरा दिया। 👻 लेकिन हमने जाने कि बहुत जिद की, उसी समय मेरे दोस्त के घर के पास वाले दो लोग दादाजी का हाल पूछने आए थे। तब दादाजी ने उनसे कहा कि वो लोग हम चारो को कुए के आगे तक छोड़ने जाये। ओर हम चारो ने दादाजी की बात मान ली, 😉 वापस जाते हुए भी हालात थोड़े डरावने ही थे। लेकिन साथ मे दो बड़े लोग थे, ओर हमारी टॉर्च भी काम करने लगी थी, इसलिए इस बार डर कम लगा। 🤪

आखिरकार हम सभी कुए से थोड़ी दूर से खेत के रास्ते होकर कुए को पार कर लिया। 😶‍🌫️ उसके बाद वो दो लोग हम चारो को छोडकर चले गए। और हम भी बिना डरे हस्ते- खेलते मेरे घर पहुंच गए, लेकिन हमने अपने इस छोटे से डरावने सफर को सबसे छुपा कर रखा। 🤭 अगर हम बताते तो हमको ही डाट सुनने को मिलती, लेकिन दोस्तो सच बताऊँ तो अब कभी फिर वो पल याद करता हूँ, तो थोड़ी हसी, और एक डर का एहसास हो ही जाता है। 🤥
तो सभी प्यारे दोस्तो मुझे तो नहीं पता 🤔 कि आपको ये कहानी कैसी लगी,❓️ लेकिन शायद मैं इसमें डर उस हिसाब से नहीं दर्शा सका। क्यूंकि मेरी हर कहानी एक अनुभव या आपबीती पे आधारित होती हैं,🤘 उम्मीद है बाकी कहानियों की तरह इस कहनी को भी आपका प्यार मिलेगा। ❣️❤️‍🩹
© by :- kk writer