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तुम्हारे लिए, मेरा प्रेम....!
हर बीते हुए साल कि तरह 2023के इस नए साल में स्वागत है तुम्हारा मेरी जिन्दगी में, जिसे रोकना न तो तुम्हारे बस में है न हमारे क्योंकि ये इक खास तरह का बंधन है जो न तो तुम बनाई हो न हम, ये पूरी तरह शास्वत है जिसकी रचना कहीं और हुई है, ऐसा मैं मानता हूं, तुम भी मानो ये हम नहीं कहते,
प्रेम एक ऐसा एहसास है जिसका कोई विस्तृत शब्द या रूप नहीं है जिससे ये विस्तारित किया जा सके, ये सिर्फ़ एक एहसास है जो सिर्फ महसूस किया जा सकता है, इसका कोई रूप नहीं है, ये एक शुद्ध आत्मा के द्वारा अनुभव किया जा सकता है, इसका कोई रिश्ता से भी मतलब नहीं है, ये कोई भी किसी के लिए भी महसूस कर सकता है, जरूरी नहीं है कि वो कोई बंधन या रिश्ता से बंधा ही हो,
हां, मैंने भी महसूस किया है, बहुत तर्क वितर्क करने के बाद, अपने आप से लड़ने के बाद कि कहीं न कहीं एक अवर्णनीय एहसास है तुम्हारे लिए मेरे आत्मा को, किसी भी रिश्ते से परे, बहुत ऊंचा मुकाम हासिल है तुम्हरा मेरे दिल में, बहुत इज्जत करता है ये दिल तुम्हरा, इस एहसास को बयां करने के लिए कोई शब्द बना ही नहीं है अभी तक और प्रेम रूपी एहसाह कोई शब्दों में पिरो ही नहीं सकता है, अगर कोइ पिरोता है तो वो छल कपट के अलावा कुछ भी नहीं है ,
तुमने कहा कि जो कोई भी प्रेम करता है वो खुद से भी बहुत प्रेम करता है,
सही कहा था तुमने, जब से ये एहसास मेरे दिल को हुआ कि
मेरे दिल में भी किसी के लिए प्रेम है तबसे खुद को भी बहुत मानने लगा था, प्रेम करने लगा था अपने आप से भी, बहुत ध्यान रखता था खुद का मैं लेकिन तुम्हारे जाने के बाद ये खुद को मानना छूट गया,
हमको लगा कि कहीं कोई गलती तो नहीं हो गया हमसे,
फिर भी मैं इंतजार करता रहा और इसी इंतजार में खुद का ख्याल रखना भूल गया,
ये बात भी सही है कि "प्रेम"वास्तव में इन्तजार का ही नाम है, उसके बिना पता ही नहीं चलता कि किसका कितना महत्व है खुद की जिन्दगी में, और इंतजार का भी एक अलग महत्व है, इन्तजार में प्रेम तप गया तो समझो और निखर गया क्योंकी अहसास, इन्तजार में कोई स्वार्थ नहीं होता है और अगर स्वार्थ होता है तो कोई प्रेम नहीं होता है...!
और अंत में बस इतना ही कहेंगे कि ये मेरे एहसास को किसी रिश्तों में मत बांधो, मेरे एहसास को जो पूर्णतया निर्मल है, शुद्ध है, पवित्र है इसे यूं ही रहने दो,
कोई नाम मत दो.....!💟