एक भयानक रात
न जाने इस पल कितनी सांसे चीख रही होगी .....
जान के लिए नही....
सम्मान के लिए दया की मांग भीख रही होगी.....
कितने दर्द भरी आवाज़ मे दहाड़ रही होगी...
लड़की होना कसूर है क्या जवाब खुदा से मांग रही होगी ....
दरिंदों की तस्वीरों को..... आंखो मे छाप...
जान के लिए नही....
सम्मान के लिए दया की मांग भीख रही होगी.....
कितने दर्द भरी आवाज़ मे दहाड़ रही होगी...
लड़की होना कसूर है क्या जवाब खुदा से मांग रही होगी ....
दरिंदों की तस्वीरों को..... आंखो मे छाप...