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निधि को किसने मारा?
"और फिर क्या हुआ? " डेटेक्टिव समीर ने पूछा ।
"फिर हम गए निधि के कमरे में, काफी देर तक नॉक किया पर कोई आवाज़ नही आई " निधि की सहेली चीनू बोली।
"और कौन कौन था आपके साथ ? " समीर ने पूछा।
"हम सब यानी पूरे  पड़ोस के ज्यादातर लोग, साथ साथ ही गए थे क्योंकि वो दरवाज़ा नही खोल रही थी और रात को.... "
      दरवाज़ा खोलने  पर निधि का मृत शरीर बेड पर पाया गया था और पोस्ट  मोर्टेम् रिपोर्ट मे कोई खास बात नही आई थी।

     निधि एक प्रसिद्ध लेखिका थी और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय थी। उसकी फॉलोइंग करीब पचास हज़ार से अधिक थी। और पति से तलाक़ का केस भी चल रहा था।

     हुआ यह कि निधि ने एक ऐसी पोस्ट डाल दी कि उसके फैन नाराज़ हो गए और हेट मेसेज आने लगे। ऐसी मीडिया रिपोर्ट थी कि निधि इन मेसेज से अच्छी खासी परेशान थी और उसकी फॉलोइंग भी कम होती जा रही थी ।
      निधि के असामयिक निधन की जाँच पुलिस ने की थी और कोई किसी पर संदेह नही कर पाई थी, पुलिस की मदद के लिए प्राइवेट डेटेक्टिव समीर को बुलवाया गया था।

    समीर ने  भी देखा कि निधि के फॉलोवर उसे दो महीने से एक अजीब तरह की हेट मेल आदि भेज रहे थे  जो बड़े नपे तुले अंदाज़ मे होती थी।
    जैसे ....
" अपने वार्ड रोब को चेक करो, कोई सांप तो नहीं है! "
"अपने डोर लॉक को चेक करो, ढीला तो नही! "
"अपनी खिड़की से लगी ग्रिल को चेक करो, ढीली तो नही है! "
"मसाले दाल चेक करो, कुछ मिला तो नहीं है उनमें? "
"आज अपने पानी के फिल्टर को चेक करके ही पानी पीना "
"रात को दरवाज़ा चेक करके सोना नहीं तो..... "

     समीर को लग रहा था कि इन सबमें एक पैटर्न है । जो फॉलोवर कल तक निधि के शुभ चिंतक थे, यकायक उससे नफ़रत करने लगे थे और कोई तो होना ही चाहिए जो इन सबको लीड कर रहा था। अगर कोई लीड नहीं कर रहा था तो यह निश्चित तौर पर एक मनोवैज्ञानिक केस था और उसे एक्सपर्ट की सलाह तो लेनी ही पड़ेगी।
     समीर की बात को पुलिस वालों का भी समर्थन मिला और एक नामी मनोवैज्ञानिक डॉ रश्मि को बुलवाया गया। डॉ रश्मि एक क्लिनिक भी चलाती थी और अपने विषय की प्रोफेसर भी थी। उनके विश्लेषण जग प्रसिद्ध हैं और वो एक एक्सपर्ट की हैसियत से सलाह देने आई हैं।

      (  उन्हें   केस की पूरी जानकारी दी गई।)
(एक सप्ताह के बाद..)

    डॉ रश्मि... मैंने पूरा विश्लेषण किया और अब बताती हूँ..
प्यार और नफ़रत के बीच में एक छोटी सी लाइन ही होती है, इसे पार करने के लिए एक छोटा सा बहाना या घटना ही काफी होती  है।
    निधि के काल रिकॉर्ड्स से पता चला कि निधि के हज़ारों हेट मेल मे एक पिंकी नाम बार बार आया, यह साफ ज़ाहिर था कि यह कोई लड़की थी जो निधि की एक  खास पोस्ट के बाद से ही उसे बार बार ऐसी मेल या मेसेज कर रही थी।

    निधि ने जो विवादित पोस्ट डाली थी वो इस प्रकार थी..

"लेस्बियन लोग  हों या गे  हों, सब अप्राकृतिक हैं और प्रकृति के नियमों का उल्लंघन है। विवाह एक खास पृयोजन से होना चाहिए और वो है शिशु जन्म के लिए। कुछ लोग यह बात नहीं समझते और प्राकृतिक नियमों के विरुद्ध जाते हैं,.... "
     पिंकी के हेट मेल ने एक ट्रेंड सा बना दिया और हज़ारों ऐसे ही मेसेज, मेल आने लगे।
डॉ रश्मि.. एक और बात को नजर अंदाज़ नही किया जा सकता। वो यह कि निधि किसी भी मेसेज भेजने वाले से बात नहीं करती थी, और दूसरा यह कि पिंकी के काल रिकॉर्ड से पता चलता है कि उसने निधि से बात करने की कई बार कोशिश की। लगता है कि एकतरफा लगाव ही था  पिंकी को। अब बात जब हुई ही नहीं तो  पिंकी के खिलाफ क्या कारवाई हो सकती है?
      समीर... तो डॉ रश्मि, आप का यह कहना है कि इस पोस्ट ने ही निधि के फॉलोवर्स को निधि के विरुद्ध कर दिया और उस किस्म के मेल आने लगे? "
     डॉ रश्मि... आप बिल्कुल ठीक समझे, अब आप पूछेंगे कि सिर्फ हेट मेसेज से ही कोई कैसे मर सकता है ,चाहे वो हज़ारों मे ही क्यों न हों?
   समीर.. जी बिल्कुल!
    डॉ रश्मि.. एक बात और बताना चाहूँगी मैं, वो यह कि मौत का कारण किसी को समझ नहीं आया हो पर एक बात साफ है कि उसकी मौत के बाद हुई ऑटोप्सि में एक खास हार्मोन (केमिकल) या स्त्राव के लक्षण मिले, वो है     . ...कोर्टिसोल   ..पर इस पर किसी भी डॉक्टर ने अधिक ध्यान नहीं दिया। डर, उस प्रकार का घातक डर जिससे मृत्यु हो जाए, इसी हार्मोन के बड़ने से होती है पर इस प्रकार की अवस्था मे हज़ारों में से एक या दो की मृत्यु हो सकती है। यह स्त्राव अधिकतम डर की अवस्था में ही मस्तिष्क में एक खास स्थान से निकलता है और हृदय गति रोकने का कारण बन जाता है।
समीर.... जी
  डॉ रश्मि...अब आता है इस केस का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष . ..
सोलोमन द्वीप समूह जो ऑस्ट्रेलिया के पास हैं, वहाँ पर लोकल लोगों को जब कोई बड़ा पेड़ काटना होता है तो वो लोग ग्रुप बना कर पेड़ के चारों ओर खड़े हो कर पेड़ को खराब खराब गालियाँ देते हैं, कोई छुरी कुल्हाड़ा आदि प्रयोग नही किया जाता। पेड़ तीस दिन मे अपने आप गिर जाता है।
   यह एक तरह का काला जादू है जो मनुष्यों पर आज़माया गया, ऐसा मेरा मत है।

 ( पुलिस विभाग का मत है कि अब इसके आधार पर किसी अजीब तरह की हेट मेसेज भेजने वाले पर कोई कारवाई हो सकती है या नही, यह तो वक़्त ही बताएगा। हमारी जानकारी मे  कोई धारा नही है जिसके अंतर्गत कोई कारवाई हो) ..