पता नहीं क्यों... 💙💚
💚 - पता नहीं क्यों?
पर मेरी सारी कल्पनाएं मुझे प्रेरित करती हैं तुम्हे और तुम्हारे उन एहसासओ को इस कलम की मदद से उन्हें मेरे अंदर से निकाल कर इस पर लिखने के लिए l
हाँ याद मुझे हमारी वो मुलकात भी जब तुम मुझ से इतनी ख़फ़ा जो थी मानो जैसे किसी पौधे से फूल उदासी के कारण मुरझा सा गया हो और क्यों न हो प्रेम नहीं स्वीकारता प्रेमियों के बीच मे आये उन विकारो को उसे चाहिए बस समर्पण l
उस...
पर मेरी सारी कल्पनाएं मुझे प्रेरित करती हैं तुम्हे और तुम्हारे उन एहसासओ को इस कलम की मदद से उन्हें मेरे अंदर से निकाल कर इस पर लिखने के लिए l
हाँ याद मुझे हमारी वो मुलकात भी जब तुम मुझ से इतनी ख़फ़ा जो थी मानो जैसे किसी पौधे से फूल उदासी के कारण मुरझा सा गया हो और क्यों न हो प्रेम नहीं स्वीकारता प्रेमियों के बीच मे आये उन विकारो को उसे चाहिए बस समर्पण l
उस...