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एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त।।
जैसे कि सब लोग जानते हैं लड़कियां के आने वाले दो शब्द।। उनके पूरे जीवन असर डालता है -दरिद्र उसकी लडकी कहा जाता है जो अपने कर्मों से हटकर केवल स्वार्थ से अर्थ प्राप्त करे।। जो पूजा पाठ ना करें।। जिसकी योनि का योगदान सामज को समर्पित है।। जो अनेक यक्ति से संक्रमण प्राप्त हो जाने पर अपनी योनि और चूत संकल्प तोड दे वो बेहदी रोगी भोगी होती उनकी जात को हमेशा छिपकर रहना चाहिए।। इनके जीवन का योगदान दूसरो लिए समर्पित होना ही होता है।। इन्हें एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त का मुख्य केंद्र कहा गया।। यह सब सुवरी साधना में लीन होकर सुवरीकाल में चली गई।। और इसलिए कहा जाता है कि "श्रृष्टि एक रणभूमि महाभारत है जहा सुवर -सुवरी ने दैवयता खो दी।। मगर वासुदेव अधर्म बढ़ने पर आ कर न्याय करते हैं।। स्त्री नाम एक परिछा जो आज कल सुवरी जात नाही पार सकती है।।
क्योंकि स्त्री कर्म परिचय काभी नहीं पा सकती काभी नहीं प्राप्त कर सकती बलेही जन्म परिचय प्राप्त कर ले क्योंकि देवीकाल समाप्त हो चुकी है।।

#दैवीकालसमापति।।