अर्जुन
भाग –13
जब अर्जुन की आंखे खुली तो वह एक आलीशान कमरे मैं लेटा हुआ था । उसके होश मैं आते ही एक नौकर चिलाते हुए बाहर भागा की, छोटे मालिक को होश आ गया ।
देखते ही देखते आस पास भीड़ खड़ी हो गई । सब बस यही पूछ रहे थे की तुम कैसे हो और अर्जुन उन सभ को हैरानी से देख रहा था। तभी समय रुक गया और उन लोगो के बीच मैं से देवरथ आगे निकल के आया।
तो कैसा लगा नया परिवार ?? उसने मुस्कुराते हुए पूछा।
यह सभ कया है और यह सभ लोग कोन है ?? अर्जुन ने चिड़चिड़े लहजे मैं पूछा ।
तुम इस वक्त देवनागरी के मंत्री के बेटे के रूप मैं हो और यह सभ उसका परिवार है। मैने सोचा तुम्हारा काम आसान करदू अब तुम आसानी से महल मैं जा सकोगे। अच्छा मैं चलता हूं अकेले सभ संभाल लेना ,...
जब अर्जुन की आंखे खुली तो वह एक आलीशान कमरे मैं लेटा हुआ था । उसके होश मैं आते ही एक नौकर चिलाते हुए बाहर भागा की, छोटे मालिक को होश आ गया ।
देखते ही देखते आस पास भीड़ खड़ी हो गई । सब बस यही पूछ रहे थे की तुम कैसे हो और अर्जुन उन सभ को हैरानी से देख रहा था। तभी समय रुक गया और उन लोगो के बीच मैं से देवरथ आगे निकल के आया।
तो कैसा लगा नया परिवार ?? उसने मुस्कुराते हुए पूछा।
यह सभ कया है और यह सभ लोग कोन है ?? अर्जुन ने चिड़चिड़े लहजे मैं पूछा ।
तुम इस वक्त देवनागरी के मंत्री के बेटे के रूप मैं हो और यह सभ उसका परिवार है। मैने सोचा तुम्हारा काम आसान करदू अब तुम आसानी से महल मैं जा सकोगे। अच्छा मैं चलता हूं अकेले सभ संभाल लेना ,...