बिटिया की कहानी पिता के जुबानी
जिंदगी मे आगे बढ़ना है तो किसी की न सुनो बस इतना याद रखो पापा को बहुत आस है मुझसे।
पिता जी
जो बाप इस तपती धूप में तुम्हे पढाने के लिए मर रहा हैं, जल रहा हैं उससे पूछो
कैसे करता होगा सब कुछ...
पिता जी
जो बाप इस तपती धूप में तुम्हे पढाने के लिए मर रहा हैं, जल रहा हैं उससे पूछो
कैसे करता होगा सब कुछ...