...

31 views

देहरादून की बारिश
ओहो इस बारिश ने परेशान कर दिया है, ये देहरादून की बारिश भी ना ! कभी इस बारिश में तुम्हारे साथ भीगना हमें कितना पसंद था। और अब हम ऊब जाते हैं इस बारिश से, हफ्तों से बारिश ही हो रही है, कैद से हो गये है घरों में सब, सब जगह पानी ही पानी, जैसे हम क़ैद है, तुम्हारी यादों में न निकल पाते हैं और न ही नया कुछ सोच पाते हैं, तुम्हें याद है जब हम एक दिन उस पार्क में मिले थे। हम दोनों बात कम लड़ ज्यादा रहे थे, क्योंकि आप को हमें परेशान करने में अत्यंत आनंद की अनुभूति जो होती थी, उस दिन हमें थोड़ी देर हो गई थी घर जाने में।हल्का सा अंधेरा होने लग गया था, भाई का आदेश था कि हमें अंधेरे से पहले घर आना होता था, हम फटाफट घर की तरफ आ रहे थे, तब तक भाई भी हमें ही ढूंढते हुए उधर ही आ रहे थे, अच्छा हुआ हम दोनों साथ नहीं चल रहे थे, आप हमसे काफी दूरी पर थे, भाई ने वहीं से डांट लगा दी कि अकेली कहां से आ रही है, तेरी दोस्त कहां गयी आज, हमारी तो हालत खराब हो गई थी, हमें लगा आज तो बाल - बाल बचे, और आप तो इतना डर गये थे कि कई दिनों तक मिले तो छोड़िए बात भी नहीं की, अब जब ये सब याद आता है तो सिर्फ लबों पर मुस्कान आती है आप पे गुस्सा नहीं, कितने खूबसूरत दिन थे वो, हम भी न बारिश से फिर आप पर ही सिमट गये।
© Anu