प्यार से तलाक तक ।
आज कोर्ट से बाहर निकल रहा था तो अचानक मेरी नजर एक लड्की पे गई गुलाबी रंग के पंजाबी ड्रेस पहने हुए वो किसी से फोन पे बात कर रही थी।
मैंने जरा गौर से देखा तो याद आया की ये तो मेरी क्लास मेट श्वेता थी।
मैं उसके पास गया मैंने कहा श्वेता । उसने मुझे देखा और बोली "सर मैंने आपको पहचाना नहीं " मैंने कहा मैं जय हम एक ही स्कूल में पढ़ते थे। उसने थोडा याददाश्त पे जोर दिया तब उसे याद आया। वो खुशी से बोली जय कैसे हो ? मैने कहा मैं ठीक हूं पर तुम यंहा कैसे?।
उसने कहा जाने दो। तुम वकील हो ये मुझे पता था पर मेरे पास तुम्हारा नंबर भी नहीं था। मैंने कहा हां मैं फैमिली कोर्ट में ज्यादा आता नहीं हूं लेकिन आज एक केस के लिये आया था। पर तुम यहां ? मैने फिर से पूछा?
उसने कहा अरे मैं तलाक के लिए आयी हूं। मैंने कहा तलाक! कैसे ? वो उतरे हुए चेहरे से बोली कुछ गलतियों की सजा हैं खैर जाने दो।
मैंने कहा चलो अभी 2 बज चुके हैं लंच टाइम हैं कोर्ट का। हम कैंटिन में चल कर बात करते हैं।
कैंटिन गए।
अब बताओ मैंने कहा ।
अरे में और आकाश कॉलेज के 2 रे साल में मिले थे। वो दिखने में काफी अच्छा और cool था। हमेशा लडकियों के घेरे में रहता था । उसने मुझसे एक दिन काफी अच्छे से बात की और कुछ नोट्स चाहिए कह कर मेरा नंबर मांगा। मैंने भी दे दिया.
तब पहले दो तीन दिन वो काफी अच्छे से बात कर रहा था मुझसे । धीरे धीरे हर रोज बात होने लगी। वो मुझे काफी जोशील और daring लगता था। एक दिन उसने मुझसे कहा की तुम मुझे पसंद हो।
मैं भी थोडा खुश हो गई थी। मैंने भी उसे हाँ कर दी थी। कुछ दिन बाद वो मुझे घुमाने लेकर...
मैंने जरा गौर से देखा तो याद आया की ये तो मेरी क्लास मेट श्वेता थी।
मैं उसके पास गया मैंने कहा श्वेता । उसने मुझे देखा और बोली "सर मैंने आपको पहचाना नहीं " मैंने कहा मैं जय हम एक ही स्कूल में पढ़ते थे। उसने थोडा याददाश्त पे जोर दिया तब उसे याद आया। वो खुशी से बोली जय कैसे हो ? मैने कहा मैं ठीक हूं पर तुम यंहा कैसे?।
उसने कहा जाने दो। तुम वकील हो ये मुझे पता था पर मेरे पास तुम्हारा नंबर भी नहीं था। मैंने कहा हां मैं फैमिली कोर्ट में ज्यादा आता नहीं हूं लेकिन आज एक केस के लिये आया था। पर तुम यहां ? मैने फिर से पूछा?
उसने कहा अरे मैं तलाक के लिए आयी हूं। मैंने कहा तलाक! कैसे ? वो उतरे हुए चेहरे से बोली कुछ गलतियों की सजा हैं खैर जाने दो।
मैंने कहा चलो अभी 2 बज चुके हैं लंच टाइम हैं कोर्ट का। हम कैंटिन में चल कर बात करते हैं।
कैंटिन गए।
अब बताओ मैंने कहा ।
अरे में और आकाश कॉलेज के 2 रे साल में मिले थे। वो दिखने में काफी अच्छा और cool था। हमेशा लडकियों के घेरे में रहता था । उसने मुझसे एक दिन काफी अच्छे से बात की और कुछ नोट्स चाहिए कह कर मेरा नंबर मांगा। मैंने भी दे दिया.
तब पहले दो तीन दिन वो काफी अच्छे से बात कर रहा था मुझसे । धीरे धीरे हर रोज बात होने लगी। वो मुझे काफी जोशील और daring लगता था। एक दिन उसने मुझसे कहा की तुम मुझे पसंद हो।
मैं भी थोडा खुश हो गई थी। मैंने भी उसे हाँ कर दी थी। कुछ दिन बाद वो मुझे घुमाने लेकर...