क्या थी मैं? क्या हूँ अब.......
क्या थी मैं? क्या हूँ अब ? मैं जिसे किसी चीज की परवाह नहीं ना किसी से कोई उम्मीद थी।ना किसी पर भरोसा। मैं जो खुद मैं खुश हो जाया करती थी। खुद को अपना दोस्त मानती थी तब दोस्तों कि जरुरत नहीं होती थी मुझे। मैं जो खुद से बातें कर लिया करती थीं।जो अपना हाल ...